सारे जहां से अच्छा

सारे जहां से अच्छा हिंदोस्ता हमारा
हम बुलबुलें हैं इसकी, ये गुलिस्ता हमारा ll

ग़ुरबत में हों अगर हम, रहता है दिल वतन में
समझो वहां हमें भी, दिल हो जहां हमारा ll १ ll

परबत वो सबसे उंचा, हमसाया आसमां का
वो सन्तरी हमारा, वो पासबां हमारा ll २ ll

गोदी में खेलतीं हैं, इस के हज़ारों नदियां
गुलशन हैं जिन के दम से,रश्क -ए-जनां हमारा ll  ३ ll

ऐ आब-ए-रूद-ए-गंगा, वो दिन है याद तुझको
उतरा तेरे किनारे, जब कारवां हमारा ll ४ ll

मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना
हिंदी हैं हम वतन है, हिंदोस्ता हमारा ll ५ l

यूनान-ओ-मिस्र-ओ-रोमा सब मिट गये जहां से
अब तक मगर है बांकी नाम-ओ-निशां हमारा ll ६ ll

कुछ बात है के हस्ती मिटती नहीं हमारी
सदियों रहा है दुशमन दौर-ए-जमां हमारा ll ७ ll

‘इक्बाल’ कोई मरहम अपना नहीं जहां में
मालूम क्या किसी को दर्द-ए-निहां हमारा ll ८ ll