श्री दुर्गा चालीसा
नमो नमो दुर्गे सुख करनी ।
नमो नमो अंबे दुख हरनी ॥
निरंकार है ज्योति तुम्हारी ।
तिहूं लोक फैली उजियारी ॥ १ ॥ Read more »
नमो नमो दुर्गे सुख करनी ।
नमो नमो अंबे दुख हरनी ॥
निरंकार है ज्योति तुम्हारी ।
तिहूं लोक फैली उजियारी ॥ १ ॥ Read more »
अधरं मधुरं वदनं मधुरं नयनं मधुरं हसितं मधुरम् ।
हृदयं मधुरं गमनं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ।। १ ।। Read more »
जगजननी जय ! जय ! मा ! जगजननी जय ! जय !!
भयहारिणि,भवतारिणि,भवभामिनि जय जय ।। Read more »
जय शिव ओंकारा ,भज शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अद्र्धंगी धारा ।।१।। Read more »
श्रीरामचंद्र कृपाल भजु मन हरण भव भय दारुणम् ।
नवकंजलोचन,कंजमुख,कर-कंज,पद-कंजारुणम्।।१।। Read more »
आदौ पाण्डवधार्तराष्ट्रजननं लाक्षागृहे दाहनं
द्यूते श्रीहरणं वने विहरणं मत्स्यालये वर्धनम् । Read more »
आदौ देवकिदेविगर्भजननं गोपीगृहे वर्धनं
मायापूतनिजीवितापहरणं गोवर्धनोद्धारणम् । Read more »