समर्थ रामदासस्वामी की क्षात्रवृत्ति दर्शानेवाली कथा

संत ईश्वर के केवल तारक रूप की नहीं, मारक रूप की भी साधना करते हैं । अत्याचार का दयालु संत भी प्रतिकार करते हैं, मूकदर्शक नहीं होते । यह बोध प्रस्तुत कथा से देखेंगे । Read more »

राम नहीं, तो मोतियों की माला भी मिट्टी के मोल की !

हनुमानजी प्रभू श्रीरामचंद्र के परमभक्त थे । उन्हे हर वस्तु एवं व्यक्ती में श्रीराम का रूप ढूंढते थे । एेसी ही उनकी एक कथा हम देखेंगे । Read more »

मृत्यु को लौटानेवाली सिद्धि का मूल्य भी आत्मज्ञान के आगे शून्य होना ।

सिद्धि का उपयोग आत्मज्ञान प्राप्त करने के मार्ग की रुकावट कैसे है यह संत ज्ञानेश्वर एवं चांगदेव इनकी इस कथा से हम देखेंगे । Read more »

गुरु का कार्य है शिष्य को उसका वास्तविक स्वरूप दिखाना !

गुरु की कृपा होनेपर किसी का भय नहीं रहता । आप कौन हैं और आपका स्वरूप क्या है, यह सर्व आपको गुरु दिखाएंगे । यह बोध हमे प्रस्तुत कथा से मिलेगा । Read more »

छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन का एक अद्भुत प्रसंग !

शिवाजी महाराजजी की उनके गुरु समर्थ रामदास स्वामी पर दृढ श्रद्धा थी । इसिलिए कठीन प्रसंग मे भगवान उनका रक्षण करते थे । एेसा ही एक प्रसंग प्रस्तुत कथा से देखेंगे । Read more »

दुष्ट वालिका वध

अपनी प्रजा के लिए अपनी पत्नी का भी त्याग करनेवाले प्रभु श्रीराम ने वाली का वधकर सुग्रीव को उसका राज्य किस प्रकार प्राप्त करवाया था, यह आज हम देखेंगे । Read more »