पंथ एवं संप्रदाय की सीख के परे धर्माधिष्ठित एवं सभी के लिए उपयुक्त गुरुकृपायोग !
पंथ एवं संप्रदाय की सीख उसके अनुयायियोंतक ही सीमित होती है । सभी को वह अपनी नहीं प्रतीत होती । इसके विपरीत धर्म तो केवल एक है तथा वह सभी के लिए है । गुरुकृपायोग तो धर्म में ही अंतर्निहित है; क्योंकि उसमें बताई गई अष्टांग साधना सभी के लिए उपयक्त है । अष्टांग साधना … Read more