यहां दिए गए खगोलशास्त्र के एक उदाहरण से यह सूत्र ध्यान में आएगा । आकाश के ग्रहों के विषय में विज्ञान जो शोध करता है, वह केवल भौतिक दृष्टि से है । इसके विपरीत हिन्दू धर्म विज्ञान ग्रहों की भौतिक जानकारी के साथ ग्रहों का परिणाम क्या होता है ? कब होता है ? तथा यदि दुष्परिणाम होता है, तो उस पर उपाय क्या है ?’, ऐसा सर्व बताता है । आधुनिक विज्ञान की सभी शाखाओं के संदर्भ में ऐसा ही है ।