जातिव्यवस्था वैदिक नहीं, यह ध्यानमें रखें !

वेदकालमें जातिव्यवस्था नहीं थी । कुंभमेलेमें सभी लोग एक ही घाटपर स्नान करते थे तथा आज भी चलनेवाली यह परंपरा वेदकाल जितनी पुरानी है ।
– श्री. विजय सोनकर शास्त्री, भूतपूर्व अध्यक्ष, राष्ट्रीय पिछडी तथा दलित जनजाति विकास महामंडल (संदर्भ : हिंदूबोध, जून २००२)

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