१२ साल के बच्चे ने देखा सपना, सुबह तालाब किनारे मिली भगवान ‘ब्रम्हा-विष्णु’ की प्राचीन मूर्तियां

पाटन तहसील स्थित बिनैकी गांव के तालाब से एक के बाद एक दर्जनों प्राचीन मूर्तियां निकाली गई है। ये मूर्तियां भगवान ब्रम्हा-विष्णु की है, जो कि 13वीं शताब्दी की बताई जा रही है। मूर्तियां मिलने की खबर जैसे ही गांव में फैली, मौके पर लोगों की भीड़ लग गई। Read more »

औरंगजेब के अत्याचारों से यहां भगवान शिवजी ने की थी भक्तों की रक्षा !

प्राचीन काल से ही भारत में भगवान शिव के पूजन की परंपरा है। शिवजी के विभिन्न मंदिरों के साथ देश की कई ऐतिहासिक घटनाएं जुड़ी हुई हैं। इनमें कई मंदिर रामायण एवं महाभारत काल के भी हैं। Read more »

दक्षिण भारत के महामहम कुंभमेला महोत्सव का हुआ शुभारंभ !

१३ फरवरी के दिन ‘दक्षिण भारत का कुंभमेला’ समझे जानेवाले महामहम महोत्सव का शुभारंभ तांजावुर जनपद के कुंभकोण में आदिकंबेश्‍वरर, नागेश्‍वरर, काशी विश्‍वनाथर, आबिमुगेश्‍वरर, कलाहस्तिश्‍वरर एवं सोमेश्‍वर इन मंदिरों में ध्वजारोहण विधि कर महोत्सव का आरंभ हुआ। Read more »

तमिलनाडू के महाबलिपुरम में है एक पहाडी पर स्थित २५० टन की गोल शिला, १२०० वर्षोंसे नहीं लुढकी !

चेन्नई से ६० कि.मी. दूरीपर ‘महाबलीपूरम’ यह विख्यात तीर्थक्षेत्र है ! यहां से निकट ही एक पहाड़ी पर २० फीट उंची, १६ फीट चौडी एवं २५० टन की एक अजस्र गोल शिला है ! Read more »

युनायटेड किंगडम के ‘सर्वाधिक सुखी’ लोग है श्रद्धालू हिन्दू !

उठते-बैठते हिन्दु धर्मपर टीका-टीप्पणी करनेवालोंके मुंहपर करारा तमाचा ! युनायटेड किंगडम के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने एक सर्वेक्षण प्रसारित किया है। उस में आस्तिक एवं नास्तिक लोगोंके सुख की मात्रापर प्रकाश डाला गया है। Read more »

इस मंदिर का रखवाला है शाकाहारी मगरमच्छ !

भारत में ऐसे कई स्थान हैं जहां की मान्यताओं के विषय में स्थानीय लोगों के अलावा और कोई नहीं जानता । केरल का अनंतपुर मंदिर जो कासरगोड में स्थित है, यह केरल का एकमात्र झील मंदिर है । इस मंदिर की यह मान्यता है कि, यहां की रखवाली एक मगरमच्छ करता है । Read more »

उडीसा में १४२ परिवारोंने हिन्दू धर्म में किया पुनर्प्रवेश

उडीसा के विभिन्न जिलों से आए लगभग १४२ परिवारो ने रविवार देर शाम शहर के सत्संग भवन में आयोजित गायत्री महायज्ञ के अवसर पर वापस हिन्दू धर्म अपना लिया । Read more »

जुंजाला धाम : ६०० वर्ष पुराना एक चमत्कारिक स्थान, जानकर रह जाएंगे हैरान

जुंजाला के बारे में जानकर शायद आप हैरान रह जाएंगे। राजस्थान के नागौर जिला मुख्‍यालय से ३५ किमी दक्षिण में अजमेर-नागौर बस मार्ग पर ही स्थित है गुसांईजी का पावन स्‍थल जुंजाला। इस धाम के बारे में कई तरह के पौराणिक संदर्भ और किंवदंतियां प्रचलित हैं, देखिये . . . Read more »

यहां साक्षात् कालिका देवी विश्राम करती है, इसलिए इतनी अद्भूत बातें यहां होती !

महाशक्तिपीठ गंगोलीहाट महाकाली दरबार- उत्तराखण्ड के लोगोंकी आस्था का केन्द्र महाकाली मंदिर अनेक रहस्यमयी कथाओंको अपने आप में समेटे हुये है। पवित्र पहाड़ोंकी गोद में बसा हरे भरे वृक्षोंके मध्य स्थित यह मंदिर भक्तजनोंके लिये जगत माता की ओर से अनुपम भेंट है ! Read more »

वैज्ञानिक स्तरपर ‘अग्निहोत्र’द्वारा जलप्रदूषण रोकना संभव होने की बात सिद्ध !

वैज्ञानिक स्तरपर ‘अग्निहोत्र’द्वारा जलप्रदूषण रोकना संभव ! वैज्ञानिक प्रमाण के आधार पर सिद्ध हो गया है कि अग्निहोत्रद्वारा वायु प्रदूषण ही नहीं, अपितु जलप्रदूषण भी न्यून करना संभव है। Read more »

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