हिन्दुओ, सम्पूर्ण स्वदेशी व्रत स्वीकार कर देश को बचाएं !

चीनी बनावट के दौरे(बांस तथा बेंत की बनी टोकडी) का विरोध करने के सन्दर्भ में वाराणसी के भाजपा के कार्यकर्ता एवं जनहिताय समिति का अभिनंदन ! Read more »

जलगांव (महाराष्ट्र) के पाण्डववाडा बचाओ आन्दोलनकी सफलता ! – अनुभवकथन

पाण्डववाडापर अतिक्रमण कर मुसलमानोंने अवैध निर्माण कार्य किया है । वे यहां नमाज पढते हैं । सूर्योदयसे सूर्यास्त तक, पाण्डववाडा सभीके लिए खुला रहे, ऐसे स्पष्ट आदेश होते हुए भी वहां कभी-कभी ही प्रवेश मिलता है । Read more »

जानिए ‘ताजमहल’ नहीं, हिंदुओं के तेजोमहालय का ८५० वर्ष का प्राचीन सच्चा इतिहास

‘ताजमहल’ वास्तु मुसलमानों की नहीं, अपितु वह मूलतः हिंदुओं की है । वहां इससे पूर्व भगवान शिवजी का मंदिर था, यह इतिहास सूर्यप्रकाश के जितना ही स्पष्ट है । मुसलमानों ने इस वास्तु को ताजमहल बनाया । Read more »

क्रांतिकारियोंका अपमान एवं इतिहासका विकृतिकरण रोकें !

स्वतंत्रता-समरके अग्निकुंडमें आहुति देनेवाले सहस्रों क्रांतिकारियोंके उपकार आजके निधर्मी राज्यकर्ता भूल गए हैं । वे क्रांतिकारी तथा राष्ट्रपुरुषोंका आगे दिए अनुसार विकृत इतिहास प्रचारित कर रहे हैं । बंगाल सरकारने हाल ही में एक पुस्तिकामें खुदीराम बोसको ‘आतंकवादी’ कहा है । एन्.सी.ई.आर्.टी.की पाठ्यपुस्तकमें छ. शिवाजी महाराज, लो. तिलक, भगतसिंगको तथा आई.सी.एस्.ई. की पाठ्यपुस्तकमें भगतसिंह, राजगुरु … Read more

राष्ट्रको खंडित करना एवं उसे मौन स्वीकृति देना, क्या यह जघन्य अपराध नहीं ?

स्वतंत्रतादिवस विशेष सद्गुरुदेव प.पू. आचार्य स्वामी श्री धर्मेंद्र महाराज, श्रीपंचखंडपीठजीके पावन परिवारके जून २००९ की पत्रिकामें ‘महात्मा रामचंद्र वीरका निर्वाण अखंड भारतके स्वप्नका अवसान’ इस लेखके  चुने हुए कुछ मुद्दे हमारे पाठकोंके लिए  शब्दशः प्रकाशित कर रहे है । ‘राष्ट्रगान’ का अवमान करनेका अधिकार किसीको नहीं है – सर्वोच्च न्यायालयका प्रतिपादन सर्वोच्च न्यायालयने फिल्म निर्माता … Read more

कितनी घातक सिद्ध हुई है धर्मनिरपेक्षता !

‘१९४७ में अंग्रेजों और अन्य देशोंकी निगाहमें पाकिस्तान ‘मुसलमान नेशन’ और भारत ‘हिंदु नेशन’ ही माना जाता था । चूँकी हिंदु जाती संस्कारों से उदार और सहिष्णु रही हैं उसका लाभ उठाकर दुनिया की झुठी वाहवाही लूटने की हवस में हमारे तत्कालीन  नेताओं ने इसे धर्मनिरपेक्ष का जामा पहना दिया । वह धर्मनिरपेक्षता कितनी सार्थक … Read more

स्वतंत्रताकी सफलताका मूलमंत्र !

इस माह देशकी स्वतंत्रताकी ६५वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी । वैसे तो विश्वके कितने ही देश विविध वर्षोंमें उपनिवेशवादकी दासतासे मुक्त हुए, खरे अर्थोंमें स्वतंत्र  हुए और अपनी प्रगति साध्य की । ऐसे देशोंकी तुलनामें अपने देशकी प्रगति कैसी है, यह देखना महत्वपूर्ण है । इस्राईल देशका निर्माण और अपनी स्वतंत्रताको देखें, तो दोनोंको समान वर्ष … Read more

‘भारतके तिरंगेमें परिवर्तन कर केसरी रंग हटा ही देना चाहिए’, ऐसा परामर्श उद्दंड पाकिस्तानद्वारा

‘फैसलाबादमें भारत और पाकिस्तानके मध्य क्रिकेट सामना हुआ । उस समय पाकिस्तानने अपने ध्वजके साथ भारतका भी ध्वज लगाया था । उसमें तिरंगे ध्वजका हरा रंग ऊपर, तो केसरी रंग नीचे था । ऐसा दो बार हुआ है । विशेष बात यह कि इसके पूर्व जब मिर्जा मुशर्रफ भारत आए थे, तब उनके विमानपर भी … Read more

कौन कहता है हम स्वतंत्र हैं ?

वर्तमानमें समाजका एक भाग नीतिपर आधारित होना, तो दूसरा अर्थपर आधृत विकास करनेके लिए संघर्षरत होना : ‘किसी राष्ट्रके लिए ६० वर्षोंका काल अल्प नहीं होता । स्वतंत्रताके ६० वर्ष पश्चात हम जिस मोडपर खडे हैं, वहां समाज दो भागोंमें विभाजित दिखाई दे रहा है । एक भाग नीतिपर आधारित है, तो दूसरा अर्थपर आधारित … Read more

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