कोरोना : संकटकाल का आरंभ

विश्‍वभर में जिस विषाणु ने उत्पात मचाया है, वह कोरोना विषाणु अब भारत में भी प्रवेश कर चुका है तथा देहली, कर्नाटक, केरल, साथ ही महाराष्ट्र इन राज्यों में कोरोनाग्रस्त रोगी दिखाई दिए हैं । Read more »

पुरातत्व विभाग में कार्यरत ‘औरंगजेब’ ?

पुरातत्व विभाग देहली में स्थित औरंगजेब के शीश महल का २.५ करोड रुपए खर्च कर नवीनीकरण करनेवाला है । इसी महल में औरंगजेब को सिंहासनपर बिठाकर बादशहा घोषित किया गया था । Read more »

नरपशुओं के संरक्षक !

वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने यह आवाहन किया है कि, निर्भया के साथ अमानुषिक बलात्कार करनेवाले सभी दोषियों को उसकी मां द्वारा क्षमी की जाए और उनके लिए मृत्युदंड की शिक्षा की मांग न की जाए । Read more »

आंदोलनों में हिंसा एवं सुरक्षा हेतु प्रभावशाली उपाय !

(सेवानिवृत्त) ब्रिगेडियर हेमंत महाजन ने वर्ष २०१७ में ही ऐसे हिंसक आंदोलनों को रोकने हेतु कौनसे प्रभावशाली कदम उठाने चाहिए, इसका दिशादर्शन करनेवाला लेख लिखा था, उसे हम साभार प्रकाशित कर रहे हैं, जो आज की स्थिति में अत्यंत उपयुक्त है ! Read more »

रामो राजमणिः सदा विजयते !

प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि के संदर्भ में, ऐसा कहना पड़ेगा कि, स्वयं प्रभु श्रीराम को ही अपनी जन्मभूमि पाने के लिए रामलला के माध्यम से प्रकट होना पडा ! यह किसी समाज की नहीं, अपितु अंतिमतः सत्यवचनी प्रभु श्रीराम की ही विजय हुई ! Read more »

पितृपक्ष में श्राद्ध करना भूल गए हो अथवा श्राद्ध तिथि मालूम न हो तो इस दिन करें भूले बिसरे सभी पितरों का श्राद्ध

पितृ पक्ष २०१९ की शुरुआत १४ सितंबर से हो गई है और २८ सितंबर को श्राद्ध करने का आखिरी दिन होगा। इसके बाद नवरात्रि का पर्व (Navratri 2019) आरंभ हो जायेगा। Read more »

श्री गुरुदेव दत्त : जानिए पितृपक्ष के दौरान भगवान दत्तात्रय का जाप करने के लाभ

पितृपक्ष में श्राद्धविधि के साथ-साथ दत्तात्रेय का नामजप करने से पूर्वजों के कष्ट से रक्षा होने में सहायता मिलती है। इसलिए पितृपक्ष में दत्तात्रेय का नामजप प्रतिदिन न्यूनतम १ से २ घंटे (१२ से २४ माला) तथा संभव हो तो अधिकाधिक निरंतर करें। Read more »

१४ सितंबर से शुरू हो रहा है पितृपक्ष . . .

आश्विन कृष्ण प्रतिपदा से लेकर अमावस्या पंद्रह दिन पितृपक्ष के नाम से विख्यात है। इन पंद्रह दिनों में लोग अपने पूर्वजों को जल देते हैं तथा उनकी मृत्युतिथि पर श्राद्ध करते हैं। Read more »

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