लखनऊ (उत्तरप्रदेश) – देश में आतंकी संगठन खडा करने और उसके जरिए आक्रमण करने का षडयंत्र रचने के आरोप में एनआईए द्वारा पकडे गए अब्दुस समी काजमी के बारे में कुछ नए खुलासे हुए हैं।
जानकारी के अनुसार, अब्दुस रामपुर के स्वार टांडा विधानसभा से २००७ में चुनाव लड चुका है। अभी १० दिन की पुलिस कोठरी में चल रहे अब्दुस ने समीउल्लाह के नाम से चुनाव लडा था। उसे कुल ६९९ वोट मिले थे। अब्दुस का छोटा भाई शाहिद अहमद ने बताया, ‘दारुल उलूम देवबंद में पढाई के दौरान उसने अपना नाम बदलकर अब्दुस समी कासमी कर लिया। हर दस्तावेज में उसका नाम समीउल्लाह ही है। मेरे भाई ने २००७ का विधानसभा चुनाव उत्तर प्रदेश युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के प्रत्याशी के रूप में लडा था।’
अब्दुस का एक और भाई है जिसका नाम नफीस अहमद है। नफीस और शाहिद अपनी मां नूर जहां के साथ रामपुर के हरेता गांव में पुश्तैनी मकान में रहते हैं। घरवालों का दावा है कि, अब्दुस अपनी पत्नी दिलशाद बेगम के साथ दिल्ली स्थलांतरित हो गया था।
शाहिद ने बताया कि शुरुआती पढ़ाई करने के लिए अब्दुस रामपुर के मदरसा में पढाने लगा। बाद में वो मुरादाबाद और वहां से दिल्ली चला गया। दिल्ली जाने के बावजूद अब्दुस नियमित तौर पर रामपुर आता रहता था। वह जिला स्तर की राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा लेता रहता था। उसके कई नेताओं से संबंध हैं।
स्त्रोत : जनसत्ता