कोलकाता : पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित मालदा हिंसा को बीते अभी ज्यादा दिन नहीं हुए थे और आज बीरभूम जनपद में फिर से कट्टरपंथियोंद्वारा हिंसा हुर्इ है ।
बताया जा रहा है की, इस हिंसा की शुरुआत एक युवक की सडक दुर्घटना में मृत्यू से हुर्इ जिसके बाद, युवक की मृत्यू से गुस्साए कट्टरपंथी लोगों ने जमकर हिंसा की।
असंयमित भीड ने हिंसक रूप धारण कर लिया । कट्टरपंथि लोगों ने बसों को निशाना बनाया गया और पुलिस की गाडी में भी आग लगा दी गर्इ ।
जानकारी के अनुसार, स्थानिय पुलिसकर्मी एक युवक का पीछा कर रहे थे, किंतु उसी दौरान युवक उनकी गाडी के चपेट में आ गया। जिससे उसकी मृत्यू हो गयी ।
युवक की मृत्यू का समाचार मिलते ही घटनास्थल पर धर्मांध लोगों की भीड जमा हो गर्इ और थोी ही देर में भीड इतनी हिंसक हो गर्इ कि पुलिस वालों को जान बचाकर वहां से भागना पडा। (एेसी पुलिस जनता की रक्षा कैसे कर सकेगी ? – सम्पादक, हिन्दूजागृति)
बंगाल में १५ दिन पूर्व ही मालदा में हिंसक मुसलमानोंकी भीड ने हिंसा की थी और उसमें सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के साथ ही पुलिस थाने पर भी आक्रमण किया था, वहां भी पुलिसवालों को जान बचाकर भागना पडा था ।
जहां मालदा हिंसा को भाजपा सहित कई पक्षों ने सांप्रदायिक हिंसा बताया था, वहीं राज्य की ममता बनर्जी सरकार ने कि मालदा हिंसा को कानून व्यवस्था का मुद्दा बताकर अनदेखा करने का प्रयास किया है ।
स्त्रोत : रिव्होल्ट प्रेस