श्रीनगर : अलगाववादी नेता यासीन मलिक के घर के बाहर देशविरोधी नारे लगाने के मामले में 10 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। यही नहीं कल तक पत्थर फेंक रहे ये लोग अब थाने में कान पकड़कर अपनी हरकतों के लिए माफी मांगते नजर आ रहे हैं। मलिक को दिल्ली में सजा सुनाए जाने के बाद उसके इलाके माइसुमा में हिंसक प्रदर्शन हुआ था।
पुलिस ने कहा कि अभी कुछ लोगों को गिरफ्तार किया जा सकता है। श्रीनगर पुलिस ने कहा, ‘अन्य आरोपियों की भी पहचान की जा रही है और जल्दी ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। आईपीसी की धाराओं और यूएपीए के तहत केस दर्ज कर लिया है। इसके अलावा इस हिंसा को भड़काने वाले प्रमुख आरोपियों के खिलाफ जन सुरक्षा कानून के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा।’
बता दें, बुधवार को टेरर फंडिंग मामले में प्रतिबंधित संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के प्रमुख यासीन मलिक को एनआईए की विशेष न्यायालय ने उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। वहीं, हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने इसकी निंदा की है।
मीरवाइज उमर फारूक के नेतृत्व वाले हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने बुधवार को दिल्ली की एक न्यायालय द्वारा अलगाववादी नेता मोहम्मद यासीन मलिक को आजीवन कारावास की सजा दिए जाने की निंदा की। हुर्रियत की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, ‘यासीन मलिक ने संघर्ष के समाधान के लिए 1994 से शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीका अपनाया। वह कश्मीर समस्या से जुड़े पक्षों- जम्मू कश्मीर के लोग, भारत और पाकिस्तान- के बीच संवाद और समझौते के पक्षधर हैं। वह लगातार इसके समाधान के लिए काम कर रहे हैं।’
बयान में कहा गया कि मलिक ने वर्ष 2000 से लेकर अब तक नई दिल्ली और इस्लामाबाद में विभिन्न सरकारों के दौर में कश्मीर पर हुए सभी समझौतों में सक्रियता से भाग लिया। अलगाववादी संगठन ने कहा, ‘इसके बावजूद उन्हें गिरफ्तार किया गया, तिहाड़ भेजा गया और अब दमनकारी कानूनों के तहत पैदा किए गए मामलों में दोषी ठहराया गया है। जम्मू कश्मीर पर उनकी राजनीतिक सोच और लोगों की भावनाओं का प्रतिनिधित्व करने के लिए उन्हें सजा दी जा रही है।’
स्रोत : इटीवी भारत