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जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी और पूर्व आतंकवादी यासीन मलिक को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने टेरर फंडिंग के मामले में यह सुनाई है। सजा सुनाए जाने के बाद यासीन मलिक चुपचाप बैठा रहा। यासीन मलिक को सजा के बीच कश्मीर घाटी में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और यासीन मलिक के घर पर ड्रोन से नजर रखी जा रही है। यही नहीं अदालत परिसर में भी सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी थी और फैसले से पहले डॉग स्क्वॉड के जरिए निगरानी की गई। यासीन मलिक पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने, टेरर फंडिंग करने, आतंकी साजिश रचने और भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसे आरोपों में कई मामले दर्ज हैं। भारतीय वायुसेना के 4 निहत्थे अफसरों, पूर्व होम मिनिस्टर मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी के अपहरण समेत कई अन्य मामलों में भी यासीन मलिक आरोपी है।
एनआईए ने टेरर फंडिंग में दोषी ठहराए गए यासीन मलिक को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की थी। एनआईए ने कहा कि यासीन मलिक ने जिस के जुर्मों को अंजाम दिया था, उसे देखते हुए मलिक को फांसी से कम की सजा नहीं दी जानी चाहिए। यासीन मलिक ने केस की सुनवाई के दौरान खुद भी अपना गुनाह कबूल किया था और वकील भी वापस कर दिया था। यासीन मलिक की सजा के ऐलान से पहले पटियाला हाउस कोर्ट के बाहर सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी रही।
११ मई
यासीन मलिक ने न्यायालय में स्वीकार किया गुनाह, आतंकी गतिविधियों में था शामिल
अलगाववादी नेता यासीन मलिक ने दिल्ली न्यायालय के सामने अपने सभी आरोप स्वीकार कर लिए हैं। आतंकवाद से लेकर आतंकवादी कृत्य की साजिश रचने तक जैसे तमाम आरोपों को उसने स्वीकार किया है और वो इन्हें चुनौती नहीं देने वाला है।
जो जानकारी मिली है उसके अनुसार यासीन मलिक ने मान लिया है कि, वो आतंकी गतिविधियों में शामिल था, उसने आपराधिक साजिशें भी रची थीं और उस पर लगीं देशद्रोह की धारा भी सही हैं। यासीन पर जो UAPA के तहत धाराएं लगी हैं, उसे भी उसने स्वीकार कर लिया है। अब यहां पर ये जानना जरूरी हो जाता है कि साल 2017 में कश्मीर में आतंकी घटनाओं में वृद्धि हुई थी, माहौल खराब करने की साजिशें रची गई थीं। उसी मामले में दिल्ली न्यायालय में यासीन के खिलाफ ये सुनवाई हो रही थी, जहां पर अलगाववादी नेता ने तमाम आरोपों को कबूल कर लिया है। अब 19 मई को न्यायालय द्वारा इस मामले में कोई निर्णय सुनाया जाएगा। जिन धाराओं में यासीन के खिलाफ मामला दर्ज है, ऐसे में उसको अधिकतम आजीवान कारावास की सजा मिल सकती है।
Separatist leader Yasin Malik pleads guilty before Delhi court in case related to terrorism and secessionist activities in J&K
— Press Trust of India (@PTI_News) May 10, 2022
यासीन मलिक की बात करें तो कश्मीर की राजनीति में वो हमेशा से ही सक्रिय रहा है। वहां के युवाओं को भडकाने से लेकर हाथों में बंदूक लेने के लिए प्रेरित करने तक, उसने सब कुछ किया है। भारतीय वायुसेना के 4 निहत्थे अधिकारियों की हत्या जैसे आरोप तो उसने खुद स्वीकार कर रखे हैं। लेकिन अब जब कानून का शिकंजा उस पर पूरी तरह कस चुका है और बचने की उम्मीद नहीं बची है, ऐसे में उसने सभी आरोपों को ही स्वीकार कर लिया है। अब वो उन्हें कोई चुनौती नहीं देने वाला है।
वैसे जिस मामले में यासीन के खिलाफ ये कार्रवाई हो रही है, उसी केस में चार्जशीट के अंदर लश्कर के सरगना हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के नाम भी शामिल हैं। इस मामले में इन दोनों ही आरोपियों को भगोड़ा घोषित किया हुआ है। वहीं फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, शब्बीर शाह, मसर्रत आलम, मोहम्मद यूसुफ शाह, आफताब अहमद शाह, अल्ताफ अहमद शाह जैसे अलगाववादी नेताओं के खिलाफ भी आरोप तय किए गए हैं।