आईएसआई व दंगों से जुडी संस्था के कार्यक्रम में अंसारी ने लिया सहभाग
हामिदजी, यदि भारत ‘असहिष्णु‘ लगता है, तो पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों की स्थिति को आप क्या कहेंगे ? – सम्पादक, हिन्दुजागृति
पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने 26 जनवरी के मौके पर एक अमेरिकी संस्था के वर्चुअल कार्यक्रम में विवादित बातें कहीं। उन्होंने आरोप लगाया कि देश में असहिष्णुता बढ रही है।
कट्टरपंथी सोच वाले हमीद अंसारी को भारत फिर लगा असहिष्णु।
अमेरिकी सांसदों के सामने राष्ट्र विरोधी जहरीले फुफकार।
ISI से लिंक रखने और दंगा फैलाने वाले आरोपी संस्था के कार्यक्रम में हुए शामिल।
गणतंत्र दिवस पर भारत के विरुद्ध उगला जहर।#HamidAnsari #हामिद_अंसारी #PFI #ISI #Jihad pic.twitter.com/V8bGaFgHaf
— Jitendra Pratap Singh (@JitendraStv) January 27, 2022
कार्यक्रम की आयोजक संस्था ‘इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल’ (IAMC) है। यह संस्था पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई व भारत में दंगे कराने की साजिश से जुड़ी बताई जाती है। अंसारी ने इस संस्था के मंच से केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भारत में नागरिक राष्ट्रवाद को सांस्कृतिक राष्ट्रवाद से बदलने की कोशिशें हो रही हैं। अंसारी ने कहा कि धार्मिक बहुमत को राजनीतिक एकाधिकार के रूप में पेश करके धर्म के आधार पर असहिष्णुता को बढ़ावा दिया जा रहा है। हामिद अंसारी के साथ इस कार्यक्रम में अमेरिका के चार सांसद मौजूद थे। उनके अलावा अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग के प्रमुख ने भी कार्यक्रम में शिरकत की।
पूर्व उपराष्ट्रपति ने कई मुद्दों को उठाया
कार्यक्रम का विषय था ‘भारत के बहुलतावादी संविधान का संरक्षण’। इसमें अंसारी एवं अन्य ने देश के अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत भरे भाषणों, गैर कानूनी गतिविधि निवारक कानून के दुरुपयोग और कश्मीरी कार्यकर्ता खुर्रम परवेज की गिरफ्तारी का मुद्दा उठाया।
उक्त मुद्दों पर केंद्र सरकार अक्सर स्पष्ट रूप से अपनी बात कहती रही है। इन आरोपों का केंद्र ने कई बार खंडन किया है। सरकार ने कहा है कि भारत की संसदीय प्रणाली और कानून पूरी तरह से पारदर्शी हैं। नियमित और पारदर्शी ढंग से चुनाव कराए जाते हैं।
एक संस्था पर त्रिपुरा दंगे में लिप्त होने का आरोप
वॉशिंगटन में हुए इस वर्चुअल कार्यक्रम की आयोजक संस्था पर पाक खुफिया एजेंसी से जुड़े होने का आरोप है। यह कार्यक्रम 17 अमेरिकी संगठनों के एक समूह ने रखा था।आयोजक संस्थाओं में से एक इंडियन-अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल भी है। इसे त्रिपुरा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में हाल ही में राज्य में हुए दंगों के लिए जिम्मेदार ठहराया है। इन 17 संस्थाओं में एमनेस्टी इंटरनेशनल यूएसए, जीनोसाइड वॉच, हिंदूज फार ह्यमन राइट्स, इंडियन अमेरिकी मुस्लिम काउंसिल शामिल हैं।
स्रोत : अमर उजाला