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ज्यादा मुस्लिम छात्र विद्यालय में आएंगे, यह दिया था तर्क
कर्नाटक में कोलार के सरकारी स्कूल में विद्यार्थियों को नमाज पढ़ने की अनुमति जिस प्रधानाध्यापिका ने दी थी, उन्हें निलंबति कर दिया गया है। यह घटना मुलबगल सोमेस्वरा पलाया बाले चंगप्पा सरकारी कन्नड़ मॉडल हायर प्राइमरी स्कूल की थी। प्रधानाध्यापिका का नाम उमा देवी है।
Karnataka: Headmistress suspended for allowing namaz in Kolar school
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— The Times Of India (@timesofindia) January 29, 2022
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी गिरीजेश्वरी देवी ने बताया कि जांच के लिए स्कूल में चार सदस्यीय टीम भेजी गई थी। जांच में यह पाया गया कि प्रधानाध्यापिका ने शुक्रवार को स्कूल में छात्रों को नमाज अदा करने की अनुमति देकर गलती की है। इस फैसले के पीछे तर्क देते हुए प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि मुस्लिम छात्रों को ब्रेक के समय नमाज की अनुमति दी जाती है लेकिन स्कूल परिसर में नमाज की अनुमति नहीं है। सरकारी विद्यालयों में किसी भी प्रकार की धार्मिक प्रार्थना करने का कोई प्रावधान नहीं है, इसलिए प्रधानाध्यापिका को निलंबित कर दिया गया है।
जांच रिपोर्ट में कहा गया, “प्रधानाध्यापिका ने स्कूल में नमाज करवाने के अपने फैसले के बचाव में तर्क दिए हैं।” प्रधानाध्यापिका उमा देवी ने पहले बताया था कि उन्हें जानकारी नहीं थी कि स्कूल में नमाज हो रही है। हालाँकि, बाद में उन्होंने स्पष्ट किया कि स्कूल के एक कमरे में नमाज की अनुमति उन्होंने दी थी ताकि अधिक से अधिक मुस्लिम छात्रों को स्कूल में शामिल किया जा सके।
24 जनवरी
कर्नाटक के सरकारी विद्यालय में मुस्लिम छात्रों को दी नमाज की अनुमति, हिंदू संगठनों के विरोध पर जांच के आदेश
- इस प्रकरण की जांच कर संबंधितों पर उचित कार्यवाही होनी चाहिए !
- नमाज के लिए मदरसा-मस्जिद होते हुए भी कक्षा में क्यों ? यदि हिन्दुओं ने हनुमान चालिसा पाठ किया होता, तो आज इनका ‘सेक्युलरिज्म’ खतरे में आ जाता ! – सम्पादक, हिन्दुजागृति
बेंगलुरू – कर्नाटक के कोलार जिले के एक सरकारी विद्यालय में बच्चों को नमाज पढने की अनुमति देने के बाद विरोध शुरु हुआ। बताया जाता है कि, इस विद्यालय में लगभग 20 बच्चों को हर शुक्रवार को कक्षा में नमाज अदा करने की अनुमति दी गई थी। हालांकि, विद्यालय की प्रिंसिपल ने इससे इंकार किया है।
हिंदू संगठन कर रहे विरोध
हिंदू संगठनों ने विद्यालय में नमाज की अनुमति का विरोध करते हुए नमाज बंद कराई। जिले के कलेक्टर उमेश कुमार ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। मामले को तूल पकड़ता देख डिप्टी डायरेक्टर ऑफ पब्लिक इंस्ट्रक्शन (DDPI) रेवाना सिद्दप्पा अब विद्यालय का दौरा करेंगे और इस संबंध में जानकारी जुटाकर विस्तृत रिपोर्ट सौपेंगे।
After Hijab now Namaz in classroom stirs controversy in K'taka.
Hindu groups protest against a govt school in Kolar for allowing Muslim students to offer Namaz inside a classroom. The DC has also sought a report on the matter from the education dept officials. pic.twitter.com/bAYL68G01M
— Deepak Bopanna (@dpkBopanna) January 24, 2022
After Namaz on roads,parks now Namaz in classroom in kolar Karnataka. Next what Bakra Eid in schools? pic.twitter.com/8tkuWQ5Wkm
— ATUL (@atulahuja_) January 24, 2022
प्रिंसिपल ने दी थी अनुमति, अब कर रहीं इंकार
यह घटना मुलबगल सोमेश्वर पलाया बाले चंगप्पा सरकारी कन्नड़ मॉडल हायर प्राइमरी विद्यालय की है। यहां पढ़ने वाले छात्रों ने बताया कि पिछले दो महीने से वह ऐसा कर रहे हैं। कोरोना केस बढने के बाद यह विद्यालय बंद हो गया था, लेकिन फिर से खुलने पर नमाज पढ़ने की अनुमति बनी हुई है। विद्यालय के मुस्लिम छात्रों ने बताया कि, उन्हें नमाज पढने के लिए विद्यालय की प्रिंसिपल ने अनुमति दी है। इस मामले में जब स्कूल की प्रिंसिपल से पूछा गया तो उन्होंने साफ इंकार कर दिया। उन्होंने कहा – मुझे इस बारे में कुछ नहीं पता। मैंने बच्चों को अनुमति नहीं दी। उन्होंने अपने मन से ऐसा किया होगा। उन्होंने कहा कि, जब विद्यालय में छात्र नमाज पढ रहे थे, तब वे विद्यालय में नहीं थीं। उन्हें ब्लॉक शिक्षा अधिकारी का फोन आया, तब इस बारे में उन्हें जानकारी मिली। सूत्रों के अनुसार, प्रिंसिपल ने छात्रों को नमाज के लिए बाहर जाने से रोकने के लिए कक्षा में नमाज अदा करने की अनुमति दी थी। हालांकि, अब वो इससे इनकार कर रही हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि, प्रिंसिपल के इस फैसले से इलाके के लोगों को दुख पहुंचा है। विद्यालय के पास रहने वालों का कहना है कि इस मामले की वजह से इलाके के लोगों को दुख पहुंचा है। उन्होंने बताया कि इस विद्यालय का एक स्वर्णिम इतिहास रहा है। यहां से कई छात्र आईएएस और आईपीएस अधिकारी बन चुके हैं।
स्रोत : एशियन नेट