देशद्रोह का केस दर्ज करने की मांग
अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर देशविरोधी गतिविधियां चलानेवाले वामपंथी छात्र संगठन पर क्या सरकार कुछ कार्यवाही करेगी ? – सम्पादक, हिन्दुजागृति
नई दिल्ली – लगातार विवादों में रहने वाला जवाहरलाल नेहरू केंद्रीय विश्वविद्यालय (JNU) एक बार फिर चर्चा में है। रिपोर्ट के अनुसार, छात्रों ने अयोध्या के बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी पर नारेबाजी की।
सूत्रों के अनुसार, सोमवार रात को जेएनयू के अंदर वामपंथी पार्टी से जुड़े छात्र संगठनों ने कथित तौर पर जमकर नारेबाजी की। इन छात्रों ने अयोध्या मामले में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के खिलाफ भी नारेबाजी की। JNUSU के वाइस प्रेसीडेंट साकेत मून ने हाशिमपुरा और दादरी का जिक्र करते हुए कहा, ‘ये वही जगह हैं, जहां हिंदू-मस्जिद दंगे हुए. इसी तरह बाबरी में भी हुआ था। वहां अन्याय हुआ । ऐसे में इसे फिर से बनाकर ठीक किया जाए. तभी इस अन्याय को खत्म किया जा सकता है ।’
इस प्रदर्शन के दौरान ‘नहीं सहेंगे हाशिमपुरा, नहीं करेंगे दादरी, फिर बनाओ, फिर बनाओ बाबरी’ जैसे नारे भी लगाए गए । दरअसल इस प्रदर्शन का आह्वान JNUSA द्वारा देर शाम 8:30 बजे किया गया था । जेएनयू कैंपस के गंगा ढाबा पर ठीक इसी वक्त काफी संख्या में वामपंथी छात्र जमा हो गए चंद्रभागा हॉस्टल तक मार्च पहुंचा ।
छात्रों की नारेबाजी की दिल्ली भाजपा के नेता कपिल मिश्रा ने तीखी आलोचना की है। उन्होंने कहा, ‘जेएनयू में ऐसी बातें करने वालों की सोच विषैली है और बाबरी मस्जिद को दोबारा बनाने का सपना गलती से भी कोई ना देखे। देश में 47000 मंदिरों को तोडा गया है। अभी तो सिर्फ एक मंदिर का ही पाप उतरा है।’
बाबरी दुबारा बनाने का सपना देखने वालो, अभी बहुत से पुराने पापों का हिसाब बाकि है pic.twitter.com/8PFPMEgo6i
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) December 7, 2021
उधर इस मसले पर अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि ,जेएनयू में बाबरी मस्जिद के समर्थन नारे लगाने वाले गैंग ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय और संविधान का अपमान किया है, इनके खिलाफ राष्ट्र द्रोह का केस दर्ज होना चाहिए।
इस बारे में केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि जो इस तरीके की बातें कर रहे हैं वे जानबूझकर हाईलाइट होना चाहते हैं। देखा जाए तो वे सस्ती लोकप्रियता की वजह से ऐसा कर रहे हैं। वरना इसका और कोई मतलब नहीं है। वे जो भी कर रहे हैं उसका रिएक्शन हो रहा है। इसकी वजह से राम मंदिर के पक्ष में और ज्यादा लोगों की सहमति बनती चली जा रही है।
स्त्रोत : न्यूज १८