नैनीताल के पर्यटन धंधों में बढा बाहरी मुस्लिमों का दखल, डेमोग्राफी में बदलाव पर खुफिया अलर्ट

उत्तराखंड के कई इलाकों में मुस्लिमों की जनसंख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है। नैनीताल की भी डेमोग्राफी (जनसांख्यिकी बदलाव) में बड़ा बदलाव देखा जा रहा है। इसे लेकर अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार भी सख्त हो रही है। नैनीताल, कुमाऊँ मंडल का मुख्यालय भी है। यहाँ के स्थानीय बाशिंदे और पहाड़ी लोग डेमोग्राफी में हो रहे बदलाव से चिंतित हैं। जिला स्तर पर इसकी जाँच के लिए कमिटी गठित हुई है।

इसके बाद लोगों को उम्मीद है कि जिस तरह बाहर से आकर लोग यहाँ बस रहे हैं, उस पर पाबंदी लगेगी। ‘दैनिक जागरण’ की खबर के अनुसार, ख़ुफ़िया एजेंसियों के सूत्रों ने भी माना है कि शहर के विभिन्न क्षेत्रों में मुस्लिमों का दखल बढ़ता ही जा रहा है। उच्च न्यायालय के अधिवक्ता नितिन कार्की ने इस डेमोग्राफिक बदलाव के संबंध में आगाह करते हुए कुछ दिनों पहले ही जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा है।

इसके बाद से सरकारी ख़ुफ़िया एजेंसियों को सतर्क रखा गया है और प्रारंभिक तौर पर जानकारियाँ जुटा कर उच्च अधिकारियों को इस बाबत अवगत करा दिया गया है। एजेंसियों का मानना है कि नैनीताल में घोड़ा, टैक्सी, नौका संचालन, टूरिस्ट गाइडिंग, होटलों इत्यादि को लीज में लेने में मुस्लिम समुदाय का दखल बढ़ा है। इनमें से अधिकतर खास कर के रामपुर, दडिय़ाल, स्वार, मुरादाबाद, बिजनौर और सहारनपुर के रहने वाले हैं।

खतरे की बात तो ये है कि CRST स्कूल के पीछे ऊपरी पहाड़ी, बारापत्थर समेत अन्य संवेदनशील व प्रतिबंधित क्षेत्रों में पहले कच्चा मकान बना गए, फिर रातोंरात पक्का अवैध निर्माण कर लिए गए हैं। कई जगह अवैध कब्जे की भी शिकायतें मिली हैं। कई छिटपुट धंधों पर मुस्लिम समुदाय के बाहरी लोग कब्जा जमाते जा रहे हैं। जमीन की खरीद-फरोख्त में भी उनकी दिलचस्पी बढ़ी है। आरोप है कि स्थानीय पुलिस-प्रशासन इस पर गंभीरता से कार्रवाई की बजाए अब तक हाथ पर हाथ धरे बैठा हुआ था।

नैनीताल के डीएम धीराज गब्र्याल ने कहा, “डेमोग्राफी में बदलाव होने व इससे पलायन की सूचनाओं के संबंध में सरकार के निर्देशों का अक्षरश: पालन कराया जाएगा। जमीन की रजिस्ट्री पर भी खास नजर रखी जाएगी। इस मामले में किसी तरह की कोताही नहीं की जाएगी। स्थानीय नागरिकों को भी इसे लेकर जागरूक रहना चाहिए।” डीआइजी नीलेश आनंद भरणे ने भी पहाड़ में सघन अभियान चलाने की बात कही है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आश्वस्त किया कि ये जाँच किसी समुदाय विशेष को निशाना बना कर नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा, “काफी विचार-विमर्श करने के बाद ही सरकार ने यह कदम उठाया है। पलायन और जनसंख्या असंतुलन चिंता का विषय है।” उत्तराखंड भाजपा के महासचिव अजेंद्र अजय ने भी पहाड़ में ‘लव जिहाद’ को लेकर चिंता जताई थी। लैंसडौन के भाजपा विधायक दिलीप सिंह रावत का तो यहाँ तक कहना है कि हिन्दुओं के खिलाफ सांस्कृतिक युद्ध छेड़ा जा रहा है।

उत्तराखंड में भाजपा के पूर्व प्रदेश महामंत्री गजराज सिंह बिष्ट ने कुछ दिनों पहले इस सम्बन्ध में विरोध प्रदर्शन भी किया था। उत्तराखंड कृषि उत्पादन विपणन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष रह चुके बिष्ट ने कहा था, ”देवभूमि में समाज के कुछ विधर्मी लोग अराजकता फैलाने का प्रयास कर रहे हैं, जिसे रोकने के लिए आज पूरा हिन्दू समाज एकजुट हुआ है। ये मुस्लिम शुरुआत में आपके पैर पकड़ने आएँगे। फिर आपसे हाथ जोड़ेगे और विनती करेंगे, लेकिन जब यही 1 से 10 हो जाते हैं तो आप इनकी गली में घुस भी नहीं सकते हैं।”

संदर्भ : OpIndia

Notice : The source URLs cited in the news/article might be only valid on the date the news/article was published. Most of them may become invalid from a day to a few months later. When a URL fails to work, you may go to the top level of the sources website and search for the news/article.

Disclaimer : The news/article published are collected from various sources and responsibility of news/article lies solely on the source itself. Hindu Janajagruti Samiti (HJS) or its website is not in anyway connected nor it is responsible for the news/article content presented here. ​Opinions expressed in this article are the authors personal opinions. Information, facts or opinions shared by the Author do not reflect the views of HJS and HJS is not responsible or liable for the same. The Author is responsible for accuracy, completeness, suitability and validity of any information in this article. ​