बकरीद में ढील पर केरल सरकार को SC की फटकार, पर रद्द नहीं किया आदेश

बकरीद पर कोरोना दिशानिर्देशों में ढील देने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार को फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (20 जुलाई, 2021) को कोरोना के कारण गंभीर रूप से पीड़ित इलाको में बकरीद को लेकर बाजारों में दुकानें खोलने वाले निर्णय को लेकर केरल की CPI(M) सरकार से नाराजगी जताई। इन क्षेत्रों में कोरोना की पॉजिटिविटी रेट 15% से ऊपर है। सरकार ने 19 जुलाई, 2021 तक इन क्षेत्रों में भी दुकानें खुली रखने की अनुमति दे दी है।

ऐसे क्षेत्रों को ‘D एरियाज’ की श्रेणी में डाला गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन क्षेत्रों में दुकानें खुली रखने की अनुमति देने की कोई ज़रूरत ही नहीं थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भले ही वो किसी भी प्रकार के प्रेसर ग्रुप्स हों, राजनीतिक या धार्मिक, वो संविधान द्वारा भारत के नागरिकों को दिए गए मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन नहीं कर सकते। सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार को अनुच्छेद-21 और 141 पर ध्यान देने की सलाह दी।

बता दें कि संविधान के अनुच्छेद-21 में कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति को विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अतिरिक्त उसके जीवन और वैयक्तिक स्वतंत्रता के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है। वहीं अनुच्छेद-141 में कहा गया है कि उच्चतम न्यायालय जो फैसले देता है, वो देश के सभी न्यायालयों को मानना है। हालाँकि, सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार के आदेश पर रोक नहीं लगाई है।

लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केरल सरकार की इन नीतियों के कारण अगर राज्य में कोरोना के मामलों में वृद्धि होती है तो कोई भी नागरिक इस पर सर्वोच्च न्यायालय का ध्यान आकृष्ट करा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस महामारी के बीच प्रेशर ग्रुप्स के सामने घुटने टेक देना सरकार की बुरी हालत की ओर इशारा करता है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार को 1 दिन के भीतर बकरीद पर ढील देने को लेकर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया था।

केरल सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने ये कह कर रद्द नहीं किया कि अब घोड़ा अस्तबल से निकल चुका है। कोर्ट ने माना कि किसी भी व्यक्ति के जीवन जाने के अधिकार से ऊपर कुछ नहीं हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार ने व्यापारियों के समूह के दबाव के आगे घुटने टेक दिए। बता दें कि आज इस ढील का आखिरी दिन है। सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले पर अफ़सोस जताते हुए कोई किसी के जीने के अधिकार में हस्तक्षेप नहीं कर सकता।

केरल में फ़िलहाल कोरोना के कुल 1,21,706 मामले सक्रिय हैं, देश के कुल सक्रिय कोरोना केसेज का 30.42% है। कोरोना ने राज्य में 15,000 से भी अधिक लोगों की जान ली है। कुल कोरोना मामलों की बात करें तो केरल में अब तक इस संक्रमण से 31,70,868 लोग बीमार हुए हैं। इस मामले में ये महाराष्ट्र के बाद दूसरे नंबर पर है। वामपंथी फिर भी ‘केरल मॉडल’ की बात करते हुए इसके प्रचार-प्रसार में लगे हैं।

1 दिन पहले जहाँ जहाँ यूपी सरकार द्वारा काँवड़ यात्रा से जुड़ा जवाब पाकर कोर्ट ने केस को बंद कर दिया, वहीं दूसरी ओर केरल सरकार से जवाब माँगा गया था कि उन्होंने राज्य में कोरोना केस होने के बावजूद बकरीद पर राहत क्यों दी है। उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने जवाब में कहा था कि इस साल कांवड़ यात्रा नहीं होगी। केरल वाली याचिका में माँग की गई थी कि केरल में कोरोना के मामलों में इजाफा हो रहा है, इस पर सुप्रीम कोर्ट संज्ञान ले।

संदर्भ : OpIndia


UP में कांवड यात्रा पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, केरल में बकरीद पर दी गई राहत वाली सुनवाई टली

July 19, 2021

सुप्रीम कोर्ट में आज (जुलाई 19, 2021) अलग-अलग समुदाय के त्योहारों से जुड़े दो अलग तरह के मामलों पर सुनवाई हुई। एक मामला उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा को लेकर था जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने स्वंय संज्ञान लिया था, जबकि दूसरा मामला केरल सरकार द्वारा ईद के अवसर पर दी गई राहत के विरुद्ध था जिसपर हाल में याचिका दायर की गई थी।

इन दोनों मामलों पर आज कोर्ट ने सुनवाई की। इसके बाद जहाँ यूपी सरकार द्वारा कांवड़ यात्रा से जुड़ा जवाब पाकर कोर्ट ने केस को बंद कर दिया, वहीं दूसरी ओर केरल सरकार से जवाब मांगा गया कि उन्होंने राज्य में कोरोना केस होने के बावजूद बकरीद पर राहत क्यों दी है।

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने जवाब में कहा कि इस साल कांवड़ यात्रा नहीं होगी। यूपी सरकार के वकील वैद्यनाथन ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा कि सभी कांवड़ संघ यात्रा स्थगित करने के लिए तैयार हैं। इसलिए इस साल यात्रा नहीं होगी। कोर्ट ने राज्य सरकार से ऐसा जवाब पाकर मामले को बंद कर दिया।

सर्वोच्च न्यायालय ने केस क्लोज करते हुए पुलिस सहित उत्तर प्रदेश के सभी स्तर के अधिकारियों को COVID-19 मानदंडों के किसी भी उल्लंघन या किसी भी यात्रा को निकालने का प्रयास करने और नागरिकों के जीवन के लिए खतरा पैदा करने वाली किसी भी कार्रवाई को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

वहीं, केरल में ईद के मद्देनजर दायर की गई याचिका पर अपनी सुनवाई करते हुए कोर्ट ने इस संबंध में राज्य सरकार से जवाब मांगा। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केरल सरकार से बकरीद के मद्देनजर कोरोना प्रतिबंधों में 3 दिन की छूट देने के खिलाफ दायर आवेदन पर जवाब दाखिल करने को कहा।

याचिका में मांग की गई है कि केरल में कोरोना के मामलों में इजाफा हो रहा है, इस पर सुप्रीम कोर्ट संज्ञान ले। इस संबंध में सीनियर वकील विकास सिंह के अलावा एक और वकील राधाकृष्णन ने मांग की है कि जब तक 80 फीसदी आबादी का वैक्सीनेशन न हो जाए, तब तक ऐसे सामाजिक/धार्मिक आयोजनों की इजाजत नहीं होनी चाहिए।

वहीं मुख्य याचिकाकर्ता वकील विकास सिंह का कहना है कि केरल में इस वक्त देश के सबसे ज्यादा कोरोना केस हैं। यूपी में सिर्फ 59 केस है तो केरल में 13 हजार केस है। इस पर कोर्ट संज्ञान लेकर उचित आदेश पास करें। याचिका पर सुनवाई करते हुए केरल सरकार को इस पर विस्तृत जवाब देने को कहा गया है। कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि आखिर क्यों बकरीद के चलते रियायत दी गई। ये जवाब केरल सरकार को आज ही देना होगा क्योंकि कल इस पर कोर्ट सुनवाई करेगा।

संदर्भ : OpIndia

Notice : The source URLs cited in the news/article might be only valid on the date the news/article was published. Most of them may become invalid from a day to a few months later. When a URL fails to work, you may go to the top level of the sources website and search for the news/article.

Disclaimer : The news/article published are collected from various sources and responsibility of news/article lies solely on the source itself. Hindu Janajagruti Samiti (HJS) or its website is not in anyway connected nor it is responsible for the news/article content presented here. ​Opinions expressed in this article are the authors personal opinions. Information, facts or opinions shared by the Author do not reflect the views of HJS and HJS is not responsible or liable for the same. The Author is responsible for accuracy, completeness, suitability and validity of any information in this article. ​

JOIN