सोशल डिस्टंसिंग की उडी धज्जियां !
जनता के स्वास्थ्य को संकट में डालनेवाले ऐसे लोगों पर सक्त कार्यवाही होनी चाहिए ! – सम्पादक, हिन्दुजागृति
गुवाहाटी: अनलॉक के बीच केंद्र ने कोरोना संक्रमण बढने से रोकने के लिए नियमों की एक गाइडलाइन जारी की है, जिसकी असम में उस समय धज्जियां उड गयी जब एक मौलाना की अंतिम विदाई में हजारों लोगों का जन सैलाब उमड पडा। नियम के अनुसार, जनाजे में 20 लोगों में शामिल होने की बात तो बहुत दूर की सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने की अनिवार्यरता का भी पालन नहीं हुआ।
#असम में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए एक मौलाना को आखिरी विदाई देने के लिए करीब 10 हजार लोग इकट्ठा हो गए। बाद में प्रशासन को मजबूरन 3 गांवों को सील करने पड़े। मौलाना साहब विधायक अमिनुल इस्लाम के पिता थे। यह वही विधायक हैं जिन पर राष्ट्रद्रोह का केस चल रहा है। pic.twitter.com/gITfxGhXHZ
— The_Tall_Indian (@Main_Amitabh) July 5, 2020
मामला असम के नगांव ज़िले का है, जहां ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के विधायक अमिनुल इस्लाम के पिता खैरुल इस्लाम के देहांत के बाद उनके जनाजे में 10 हजार लोग शामिल हुए। इतनी भीड़ देख जिला प्रशासन के भी पसीने छूट गए।
विधायक अमिनुल इस्लाम के पिता खैरुल इस्लाम नॉर्थ ईस्ट में ऑल इंडिया जमात उलेमा और आमिर-ए-शरियत के उपाध्यक्ष थे। ऐसे में वे काफी मशहूर थे। जनाजे में शामिल लोगों ने न तो सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा और न ही वे लोग मास्क लगा कर आये थे।
सूचना मिलनें के बाद प्रसाशन ने 3 गांवों को सील कर दिया। अगर एक भी कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति इस जनाजे में शामिल हुआ होगा तो असम में भीषण कोरोना विस्फोट होनें से कोई नहीं रोक सकता है। क्योंकि अब ज्यादातर कोरोना के मामलें बिना लक्षण वाले आ रहे हैं, इसलिए कोरोना संक्रमित व्यक्ति की लोग पहचान नहीं कर पाते हैं और संपर्क में आ जाते हैं अंत में कोरोना की चपेट में आ जाते हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कोरोना काल के शुरुवाती दौर में विधायक अमिनुल इस्लाम ने क्वारंटाइन सेंटर्स को लेकर गैर-जिम्मेदाराना बयान देते हुए उसे न केवल डिटेंशन सेंटर बताया बल्कि ये भी कहा कि वहां इंजेक्शन देकर लोगों को मारा जाता है। जानकारी के अनुसार इस बयान के बाद अमिनुल इस्लाम पर राष्ट्रद्रोह का केस भी दर्ज हुआ था।
स्त्रोत : न्यूज ट्रैक