बॉलीवुड सुपरस्टार दीपिका पादुकोण को दिल्ली के जेएनयू में विश्वविद्यालय में रविवार की हिंसा के विरोध में भाग लेते हुए देखा गया। वह जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए विरोध प्रदर्शनों में शामिल हुई, जिन पर ५ जनवरी को नकाबपोश गुंडों ने हमला किया था ।
दीपिका पादुकोण वामपंथी छात्रों ने किए विरोध प्रदर्शन में शामिल हुईं, जिन्होंने एबीवीपी द्वारा हमला करने का दावा किया । जबकि बड़ी संख्या में एबीवीपी के छात्रों पर भी वामपंथी समूहों ने हमला किया, इसका कारण बस इतना था कि, छात्र शीतकालीन सत्र की परीक्षा देने के लिए पंजीकरण कर रहे थे । किंतु वामपंथीयों को परीक्षा देना नही था । अभिनेत्री दीपिका को जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष आइशा घोष के पीछे खडा देखा गया । बता दें कि, आइशा वहीं छात्र है जिसने भीड के साथ जेएनयू के सर्वर रूम में तोड़फोड़ की थी । उसपर पुलिस केस भी दर्ज हुआ है ।
जेएनयू विरोध प्रदर्शन में दीपिका पादुकोण कन्हैया कुमार के साथ
पाकिस्तान के सेना प्रवक्ता ने दीपिका पादुकोण को जेएनयू में वामपंथियों का साथ देनेपर उनकी प्रशंसा की, बाद में पोस्ट को हटाया
पाकिस्तानी सैन्य प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने बुधवार (8 जनवरी) को बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण की जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) की यात्रा करने और ’युवाओं के साथ एकजुटता’ दिखाने के लिए उनकी प्रशंसा की। स्वराज्य मॅगजीन की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी इंटर-सर्विसेज पर्सनेल रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक गफूर ने बॉलीवुड अभिनेत्री की प्रशंसा करनेवाला ट्विट किया ।
स्वराज्य मॅगजीन की रिपोर्ट के अनुसार, इससे पहले, विशाल भारद्वाज, अनुराग कश्यप, अनुभव सिन्हा, जोया अख्तर, दीया मिर्ज़ा, राहुल बोस, ऋचा चड्ढा, स्वानंद किरकिरे, रेया कागती, हंसल मेहता, सयानी गुप्ता, गौहर खान और तापसी पन्नू सहित बॉलीवुड हस्तियों ने जेएनयू हिंसा को लेकर मुंबई में विरोध प्रदर्शन किया था।
Peaceful Silent Assembly in support of the students of India tonight the 6th of January 2020, from 8pm to 10pm, Carter Road Promenade opposite cafe coffee day. #forthestudents
— Anurag Kashyap (@anuragkashyap72) January 6, 2020
Today at 8pm Carter Road, Bandra.
Coz with great power comes greater responsibility and I don’t want to shy away from it. #JNU you have our love and support.— taapsee pannu (@taapsee) January 6, 2020
India,where cows seem to receive more protection than students, is also a country that now refuses to be cowed down. You can’t oppress people with violence-there will be more protests,more strikes,more people on the street. This headline says it all. pic.twitter.com/yIiTYUjxKR
— Twinkle Khanna (@mrsfunnybones) January 6, 2020
जेएनयू का इतिहास !
देहली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में ५ जनवरी को हुई हिंसा के प्रकरण में छात्र संगठन की अध्यक्ष आईशी घोषसहित १९ छात्रोंपर प्राथमिकी प्रविष्ट की गई है । मुंबई के गेट वे ऑफ इंडियापर ६ जनवरी की रात को आंदोलन किया गया । इस आंदोलन में कुछ आंदोलनकारी ‘फ्री कश्मीर’के फलक लेकर आए थे; परंतु ७ जनवरी को आंदोलनकारियों को आजाद प्रांगण में स्थानांतरित किया गया । कुछ समय पश्चात आंदोलनकारियों ने आंदोलन वापस लिया, तो अन्य कुछ स्थानोंपर आंदोलन और विरोध प्रदर्शन करनेवाले छात्रों को हिरासत में लेकर कुछ समय पश्चात छोड दिया गया । इस घटना के पश्चात वामपंथी, निधर्मीवादी और आधुनिकतावादियों ने अक्षरशः हुडदंग मनाया । इस घटना के पश्चात अनेक चर्चाएं भी आरंभ हुईं । इसी में विदेशमंत्री एस्. जयशंकर ने कहा, मैं जब जे.एन्.यू. में पढता था, तब वहां किसी टुकडे-टुकडे गिरोह का अस्तित्व नहीं था । उनके इस वक्तव्य को गंभीरता से लेना चाहिए । जयशंकर ने इसी विश्वविद्यालय से राजनीतिक विज्ञान में एम्.ए. और अंतरराष्ट्रीय संबंध विषय में एम्. फिल. और पी.एच्.डी. प्राप्त की है ।
जेएनयू का हिन्दूद्वेषी इतिहास !
जेएनयू में कुछ दिनों के अंतराल के पश्चात हो रही हिन्दूविरोधी घटनाओं के कारण यह विश्वविद्यालय सदैव ही विवाद का केंद्र बना हुआ है । इस विश्वविद्यालय के इतिहास में यदि झांककर देखा जाए, तो उसके पीछे की वास्तविकता सामने आती है ।
- फरवरी २०१६ में जब जे.एन्.यू. छात्र संगठन के अध्यक्ष कन्हैय्या कुमार को देशद्रोह के आरोप में बंदी बनाया गया, तब उन्होंने पाकिस्तान जिंदाबादसहित अनेक भारतविरोधी घोषणाएं की थीं । उमर खालिद के विरुद्ध भी देशद्रोह का अपराध प्रविष्ट किया गया । इस प्रकरण के पश्चात एक प्रकार से देश हिल गया था और इसी से अस्तित्व में आया टुकडे-टुकडे गिरोह (गैंग) ! उसके उपरांत अनेक आंदोलन-प्रतिआंदोलन भी चलाए गए ।
- इसी विश्वविद्यालय में स्थित वामपंथी विचारधारावाले छात्र संगठनों ने संसदपर हुए आक्रमण का सूत्रधार मोहम्मद अफजल का उदात्तिकरण किया था । तब संगठन के कार्यकर्ताओं ने कश्मीर की स्वतंत्रता के साथ ही देशविरोधी घोषणाएं भी की थीं । देश में प्रत्येक व्यक्ति के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है; परंतु देश के विरुद्ध घोषणाएं करने की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता किसी को नहीं है, यह भी उतना ही सच है ! अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नामपर अप्रत्यक्ष रूप से देशद्रोही विचारधारा को बल देने का कृत्य निंदनीय ही है !
- कुछ वर्ष पहले इस विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम के लिए आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री श्री रविशंकरजी को आमंत्रित करने से वामपंथी विचारधारावाले छात्रों ने विरोध किया था ।
- विश्वविद्यालय में भारतीय संस्कृति एवं योग विषयपर अल्पकालीन पाठ्यक्रम आरंभ करने की योजना थी; परंतु निरंतर २ वर्षोंतक इस योजना के प्रस्ताव को अस्वीकार किया गया । यदि ऐसा होने लगा, तो विश्वविद्यालयों से भारतीय संस्कृति तथा भारतीय प्राचीन धरोहर नई पीढीतक पहुंचेगी कैसे ? अर्थात जे.एन्.यू. तो नास्तिकतावादी, साथ ही हिन्दूद्वेषी और वामपंथी विचारधारावाले लोगों का अड्डा बन गया है । इसलिए ऐसे विश्वविद्यालयों से संस्कृति की अपेक्षा भी कैसे रखी जा सकती है ?
सरकार द्वारा की गई शुल्कवृद्धि के संदर्भ में जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन की ओर से बुलाई गई बैठक में उक्त आक्रमण किया गया । उससे पहले भी अनेक बार शुल्कवृद्धि के विरूद्ध आंदोलन किए गए थे । विश्वविद्यालय परिसर में कक्ष का किराया केवल १० रुपए ही है । ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालय भी छात्रों से इससे अधिक शुल्क लेते हैं । जेएनयू में ३०० रुपए के शुल्क का भी विरोध किया जाता है । एक ओर कश्मीर के आजादी की मांग की जाती है और दूसरी ओर शुल्कवृद्धि का विरोध किया जाता है, यह कौनसा तत्त्वज्ञान है ? इसी से ही वामपंथियों की मनोवृत्ति दिखाई देती है । विशेष बात यह कि देशविरोधी मानसिकतावाले छात्रों का समर्थन करनेवाले आधुनिकतावादी और फिल्मी कलाकार इसके संदर्भ में कुछ भी क्यों नहीं बोलते ? एक फिल्म के लिए करोडों रुपए शुल्क लेनेवाले कथित विचारक जेएनयू में मामुली शुल्कवृद्धि किए जानेपर भी उसका विरोध करनेवाले छात्रों के साथ खडे हेते हैं, यह अनाकलनीय है !
Netizens are tweeting against the Bollywood for its support to JNU
This shows the real face of Bollywood
They have no feelings for country
They are curious only about their carrier and business of their movie
#boycottchhapaak#shameonbollywood #ShameOnDeepika pic.twitter.com/Ua6VyxuZbq— Suraj Gautam (@SurajGa15451958) January 8, 2020
Boycott @deepikapadukone
Country is important for me not actress who stands with anti nationalists..@deepikapadukone you have not lost your fans only .. You have lost the all the respect today..#boycottbollywood #BoycottChhapaak pic.twitter.com/K1Sxy9AkLK
— Chhailaram (@ChhailaramChau1) January 7, 2020
Where were these celebrities
Did they even tweet?When these JNU goons raised anti National slogans
When they vandalised Vivekananda's statue.
When they abused Indian Army ?Did you see any Bollywood people condemning the same?
I didn't ?#boycottchhapaak#boycottbollywood
— Amitabh, Desi NRI, ?????️ (@hramitab123) January 7, 2020
Hey @deepikapadukone you have travelled across the world for your films with Indian passport
Today with taking side of #TukdeTukdeGang you proved how hypocrite you are
You are standing with people trying to divide our country #boycottbollywood
— #RenukaJain (@RenukaJain6) January 7, 2020