अयोध्या का फैसला : ओवैसी ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद आगाह किया था कि, देश एक हिंदू राष्ट्र की राह पर बढ़ रहा है ! उन्होंने कहा, “संघ परिवार और भाजपा कह रहे हैं कि, हिंदू राष्ट्र के लिए सड़क अयोध्या से शुरू होती है !
अयोध्या का फैसला, बाबरी मस्जिद : अखिल भारतीय अखाडा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने रविवार को कहा कि, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को अयोध्या मुद्दे पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर अपना असंतोष दिखाने और संविधान और न्यायपालिका पर विश्वास न करने के लिए “पाकिस्तान जाना चाहिए” ! गिरी ने उनपर कटाक्ष करते हुए कहा कि, सर्वोच्च न्यायालय का फैसला न मानना राष्ट्रद्रोह है ! उन्होंने आरोप लगाया कि, ओवैसी का बयान देशद्रोह की श्रेणी में आता है और वह जल्द ही उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करेंगे !
गिरी ने प्रयागराज में मीडिया से कहा कि, सर्वोच्च न्यायालय का फैसला न मानना भारतीय संविधान के खिलाफ है ! आप भारत में रहते हैं, लेकिन इसकी न्यायिक प्रणाली में विश्वास नहीं करते हैं, इसका मतलब कि, आप देशद्रोही हैं ! ओवैसी ने भारत और हिंदुओं के खिलाफ जहर उगला है। यह मेरा अनुरोध है कि, अगर भारत उन्हें नापसंद है और वह यहां रहना नहीं चाहते तो वह पाकिस्तान जा सकते है ! उन्हें कोई रोक नहीं रहा है ! लेकिन, हम इस तरह की भाषा को फिर से बर्दाश्त नहीं करेंगे !
बता दें ओवैसी ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद आगाह किया था कि, देश एक हिंदू राष्ट्र की राह पर बढ़ रहा है ! उन्होंने कहा, “संघ परिवार और भाजपा कह रहे हैं कि, हिंदू राष्ट्र के लिए सड़क अयोध्या से शुरू होती है ! वे अब एनआरसी, नागरिकता संशोधन विधेयक लाना चाहते हैं। वास्तव में मोदी 2 सरकार भारत को हिंदू राष्ट्र बना देगी !”
ओवैसी ने कहा था कि, जिन लोगों ने बाबरी मस्जिद को ध्वस्त किया, उन्हें राम मंदिर बनाने के लिए जमीन सौंपी गई है ! उन्होंने कहा, “अगर बाबरी मस्जिद को छह दिसंबर, १९९२ को ध्वस्त नहीं किया जाता, तो सर्वोच्च न्यायालय का फैसला क्या होता ?” उन्होंने कहा कि, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) मस्जिद बनाने के लिए पांच एकड़ वैकल्पिक भूमि की पेशकश पर फैसला करेगा ! उन्होंने कहा कि, उनका निजी विचार है कि, इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया जाना चाहिए ! उन्होंने कहा, “हम कानूनी अधिकार के लिए लड़ रहे थे, हमें खरात में पांच एकड़ भूमि की आवश्यकता नहीं है ! मुसलमान गरीब हैं, कमजोर हैं और उनके साथ भेदभाव किया गया है ! लेकिन वे अपने दम पर एक मस्जिद का निर्माण कर सकते हैं !”
स्रोत : जनसत्ता