अब कोई भी बॉलीवूड फेमिनीस्ट या महिला अधिकार गैंग इनके बचाव में आवाज उठाने आगे नहीं आएगी, ये तो केवल सबरीमला जैसे हिन्दुओं के मुद्दों पर बोलते हैं ! – सम्पादक, हिन्दुजागृति
केरल के बहुचर्चित नन रेप मामले में आरोपी बिशप फ्रैंको मुलक्कल का विरोध करने वाली पांच में चार नन को हटा दिया गया है। इन सबको कोट्टम के कॉन्वेंट से बाहर जाने के लिए कह दिया गया है। विरोध करने वाली सिस्टर अनुपमा, सिस्टर एनसिटा, सिस्टर एल्फी और सिस्टर जॉसफाइन को तुरंत वापस पुराने कॉन्वेंट में जाने को कह दिया गया है।
इनमे से एक नन ने बिशप फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ रेप करने की शिकायत दर्ज की थी। बाद में इन सभी नन ने मुलक्कल की गिरफ्तारी को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था। चारों नन को तबादला पत्र थमाते हुए अलग-अलग कॉन्वेंट में जाने को कहा गया है।
हालांकि, ये ट्रांसफर ऑर्डर २०१७और मार्च २०१८ की है। उस वक्त नन ने ये कहते हुए यहां से जाने से मना कर दिया था कि वो अपने साथी को अकेला नहीं छोड सकते। साथ ही कहा था कि ये सब बिशप फ्रैंको मुलक्कल को बचाने की कोशिश है।
बता दें कि नन ने ५४ साल के बिशप पर २०१४ से २०१६ के बीच बलात्कार और अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का आरोप लगाया था। जून में कोट्टयाम पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में नन ने आरोप लगाया था कि बिशप ने मई २०१४ में कुराविलंगाड गेस्ट हाउस में उनका बलात्कार किया और बाद में भी यौन शोषण करते रहे।
तीन दिनों की पूछताछ के बाद मुलक्कल को पिछले साल २१ सितंबर को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। बाद में २४ सितंबर को उन्हें दो हफ्ते की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। बाद में उच्च न्यायालय ने आरोपी फ्रैंको मुलक्कल को सशर्त जमानत दे दी थी।
स्त्रोत : न्यूज १८