चंडीगढ : हवा में बढते प्रदूषण को देखते हुए देहली में दीपावली के समय आतिशबाजी की बिक्री पर रोक के बाद अब पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय ने विवाह में तथा नए साल के जश्न के दौरान आतिशबाजी के उपयोग पर पूरी तरह रोक लगा दी है ! न्यायालय ने प्रदूषण बोर्ड सहित सभी जिला अधिकारियों को निर्देश दिया है कि, विवाह, पार्टी या अन्य कार्यक्रम में पटाखे चलाने पर रोक का आदेश लागू करवाया जाए। अगर ऐसा नहीं होता है तो न्यायालय अवमानना का आदेश जारी कर सकता है। उच्च न्यायालय का यह आदेश एनसीआर में लागू नहीं होगा। मामले में अगली सुनवाई ११ जनवरी को होगी। न्यायालय ने आतिशबाजी से होनेवाले प्रदूषण का दायरा बढाते हुए पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने से हुए प्रदूषण को भी इसमें शामिल किया है और केंद्रीय पर्यावरण, स्वास्थ्य व कृषि मंत्रालय सहित प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जवाब मांगा है।
बता दें कि, न्यायालय ने दीवाली तथा गुरुपर्व के मौके पर आतिशबाजी के लिए केवल तीन घंटे का समय निश्चित किया था। न्यायालय ने इस आदेश के पालन पर संतुष्टि जाहिर की है। जस्टिस ए.के. मित्तल एवं जस्टिस अमित रावल की खंडपीठ ने कहा कि, दिवाली और प्रकाशोत्सव पर तीन घंटे ही पटाखे जलाने के आदेश काफी प्रभावी रहे। इस दौरान न्यायालय मित्र अनुपम गुप्ता ने न्यायालय को बताया कि, पटाखों के बाद पंजाब और हरियाणा में किसानोंद्वारा पराली जलाने के कारण जो प्रदूषण हुआ है उसका असर इन दोनों राज्यों के साथ देहली पर भी पड़ा है !
स्त्रोत : झी न्यूज