राष्ट्रध्वज का सम्मान करें

हिन्दू जनजागृति समिति का अभियान

राष्ट्रध्वज का

सम्मान करें

हिन्दू जनजागृति समिति

का अभियान

झंडा राष्ट्र की एक पहचान का प्रतिनिधित्व करता है। यह देश के सम्मान और गौरव का प्रतीक है। भारत के नागरिक 15 अगस्त और 26 जनवरी को जहां भी संभव हो, गर्व से तिरंगे को फहराकर राष्ट्र के प्रति अपना प्रेम तथा सम्मान दिखाते हैं। दुर्भाग्य से, यह गौरव अल्प काल के लिए टिकता है। सायंकाल के समय वही झंडे कचरे के डिब्बे या सीवेज पाइप में पडे दिखाई देते हैं, हम सडकों पर इन झंडों को रौंदते हुए देखते हैं। लोग भूल जाते हैं कि ये तिरंगे का अपमान है। अनेक बार झंडों को कूडे के साथ जला दिया जाता है। प्रत्येक नागरिक को हमारे राष्ट्र ध्वज के प्रति उचित सम्मान रखना चाहिए। दो दशकों से अधिक समय से, हिंदू जनजागृति समिति ‘राष्ट्र ध्वज का सम्मान करें’ इस अभियान से जागरूकता निर्माण करने के लिए विभिन्न माध्यमों का उपयोग कर रही है। समिति के अथक प्रयासों के कारण प्लास्टिक के राष्ट्र ध्वज के उत्पादन को 95% कम करने और उसके बाद ध्वज का होनेवाले अपमान को समाप्त करने में सफल रहा है।

ध्वज संहिता आपके लिए सरल भाषा में..

यह करें !

झंडे को सर्वदा सम्माननीय स्थान पर रखना चाहिए और स्पष्ट रूप से रखा जाना चाहिए
झंडे को प्रत्येक समय स्फूर्ति से फहराएं तथा धीरे-धीरे और औपचारिकतापूर्वक उतारें
झंडे को ऊंचाई पर और उचित पद्धति से फहराएं
झंडा फहराने या उतारने की विधि के समय झंडे की ओर मुख करके सावधान होकर खड़े रहें।
इस बात का ध्यान रखें कि झंडा मुडे नहीं
इस बात का ध्यान रखें कि, राष्ट्रध्वज को कुचला या फाडा न जाए

यह न करें !

बच्चों को राष्ट्रीय ध्वज का खिलौने के रूप में उपयोग न करने दें
प्लास्टिक के झंडे न खरीदें और न ही उपयोग करें
शर्ट की जेब आदि पर पिन लगाने के लिए कागज के झंडों का उपयोग न करें
झंडे का उपयोग बैनर या सजावट के लिए न करें
झंडे को जमीन पर न गिरने दें
झंडे का उपयोग पोशाक या वर्दी के रूप में न करें

तिरंगे का अपमान के उदाहरण

यदि आप किसी व्यक्ति या संस्था को राष्ट्रध्वज का अपमान करते हुए पाते हैं, तो उन्हें इसके बारे में अवगत कराएं या तुरंत
उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करें। स्मरण रखें, यह एक ऐसा अपराध है जिसके लिए जेल की सजा हो सकती है !

नोट : ये चित्र केवल जागृति निर्माण करने के लिए पोस्ट किए गए हैं, न कि किसी भी तरह से भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए।

हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा ‘राष्ट्रध्वज का सम्मान करें‘ अभियान

मुंबई उच्च न्यायालय में समिति द्वारा 2011 में प्रविष्ट दायर एक जनहित याचिका से कोर्ट द्वारा सरकार को प्लास्टिक के झंडों पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश देने के लिए कहा ।

न्यायालय ने सरकार को गैर सरकारी संगठनों के साथ (एनजीओ) काम करने और झंडे का अपमान रोकने के लिए एक कार्य समिति गठित करने का निर्देश दिया।

ध्वज के सम्मान को बनाए रखने के विषय में जागरूकता निर्माण करने के लिए समिति व्याख्यान, प्रश्नोत्तरी आयोजित करना, पर्चे वितरित करना, पोस्टर लगाना आदि कार्य कर रही है।

समिति विद्यालय, महाविद्यालय, जन प्रतिनिधि, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन प्रस्तुति करती है।

छात्रों में राष्ट्रध्वज को जिम्मेदारी से संभालने के विषय में जागृति निर्माण करने के लिए समिति द्वारा शैक्षणिक संस्थानों में व्याख्यान और प्रश्नोत्तरी आयोजित की जाती है।

समिति के कार्यकर्ता 15 अगस्त और 26 जनवरी के बाद फेंके गए झंडों को इकट्ठा करते हैं और ऐसे झंडों को प्रशासन के पास जमा कराते हैं।

समिति सक्रिय रूप से राष्ट्रीय ध्वज होनेवाले मास्क, कपडे और अन्य वस्तुएं बेचनेवाली ई-कॉमर्स वेबसाइट और अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से अनुरोध कर रही है।

हिन्दू जनजागृति समिति अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचने के लिए विभिन्न दैनिक समाचारपत्र, साप्ताहिक समाचार पत्र, वेबसाइट में लेख प्रकाशित करती है। कुछ रेडियो स्टेशन भी इस संबंध में सहायक रहे हैं।

कपडे, प्रिंट या अन्य मीडिया, विज्ञापन आदि के माध्यम से हो रहा राष्ट्रीय ध्वज का अपमान रोकने के लिए समिति उन लोगों के खिलाफ शिकायत प्रविष्ट करती है।

मैं प्रतिज्ञा करता हूं…

झंडा किसी वाहन पर नहीं लपेटने दूंगा
झंडे का उपयोग पर्दे के रूप में नहीं करूंगा
राष्ट्रीय ध्वज पर कुछ भी लिखने या छपने नही दूंगा
झंडा किसी परिधान या रूमाल, मास्क, नैपकिन, कुशन, पायदान आदि पर छपने नहीं दूंगा
राष्ट्रीय ध्वज को तोडा-मरोडा न जाए, कुचला न जाए या फाडा न जाए इसका ध्यान रखूंगा
झंडे का उपयोग किसी भी प्रकार के विज्ञापन में न हो या कोई भी विज्ञापन झंडा होनेवाले खंभे से न बांधा जाए, इसका ध्यान रखूंगा
खराब हुए झंडों को एकत्र कर सम्मानपूर्वक निस्तारण के लिए प्रशासन के पास जमा करूंगा

हिन्दू जनजागृति समिति की पोस्टर प्रदर्शनी

भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के ज्ञात-अज्ञात वीरों की प्रेरक कथाओं को हर भारतीय तक पहुंचाने के लिए अपने क्षेत्र में इस पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन करने में हमारी मदद करें।

: +91 7738233333

तिरंगे का विकास

भारतीय ध्वज संहिता, 2002

निर्माण प्रक्रिया
झंडे का सम्मान
झंडे को संभालना
सही प्रदर्शित करना
किसी भी इमारत के अंदर झंडे को प्रदर्शित करना
झंडा अर्धनत करना
परेड और समारोह
अभिवादन
वाहनों पर लगाना
निराकरण
अनुचित उपयोग की रोकथाम
अपमान की रोकथाम

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