इच्छुकोंको चिकित्सकीय सहायता एवं चिकित्सा क्षत्रे की दुष्प्रवृत्तियों के निर्मूलन हेतु
१. आरोग्य साहाय्य समिति के प्रेरणास्रोत एवं उसकी स्थापना
‘आरोग्य साहाय्य समिति’ चिकित्सा क्षेत्र के राष्ट्रनिष्ठ एवं धर्मनिष्ठ डॉक्टरों, वैद्यों, परिचारिकाओं (नर्स) आदि का संगठन है । हिन्दू राष्ट्र-स्थापना के उद़्गाता प.पू. डॉ. जयंत आठवलेजी की प्रेरणा से जून २०१८ में सप्तम ‘अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन’ में इस समिति की स्थापना हुई । इस समिति के माध्यम से चिकित्सा क्षेत्र के सभी लोगों को राष्ट्ररक्षा, धर्मजागृति एवं हिन्दू राष्ट्र-स्थापना के कार्य में सहभागी होने का सुनहरा अवसर मिला है । यह श्रेष्ठ समष्टि (समाजगत) साधना ही है ।
२. आरोग्य साहाय्य समिति की स्थापना का मुख्य उद्देश्य
- अभावग्रस्त रोगियों तथा आगामी काल में युद्ध, बाढ, भूकंप जैसी भीषण प्रलयकारी आपदाओं में फंसे पीडितों को अविलंब चिकित्सा सहायता करना
- जनता को ठगकर, उनके स्वास्थ्य से खिलवाड करनेवाली चिकित्सा क्षेत्र की दुष्प्रवृत्तियों के विरुद्ध जनजागरण एवं इन दुष्प्रवृत्तियों के विरुद्ध वैध मार्ग से लडना
- चिकित्सा क्षेत्र के व्यक्तियों को उपर्युक्त उद्देश्यों के लिए संगठित एवं सक्रिय करना
३. हिन्दू जनजागृति समिति की आपातकालीन समाजसहायता !
नासिक कुंभमेले में भगदड (वर्ष २००३) : इस कुंभमेले में हुई भगदड के समय सर्वप्रथम हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ताओं ने घायल श्रद्धालुओं का प्रथमोपचार करना, श्रद्धालुओं को चिकित्सालय में पहुंचाना, स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन की सहायता करना और घबराए हुए श्रद्धालुओं को मानसिक आधार देना इत्यादि कार्य किए ।
उत्तराखंड में बाढ (वर्ष २०१३) : उस समय समिति के कार्यकर्ताओं ने संपर्क रहित स्थानों पर २५ से ४० किलोमीटर पैदल चलकर तथा रस्सी के सहारे नदी पार कर बाढग्रस्तों को जीवनावश्यक सामग्री प्रदान करना, उनके निवास की व्यवस्था करना, भूस्खलन से गिरे पत्थर हटाकर रास्ता खुला करना और बाढग्रस्तों को मानसिक आधार देना आदि कार्य सेवाभाव से किए ।
नेपाल में भूकंप (वर्ष २०१५) : उस समय समिति के कार्यकर्ताओं ने भूकंपग्रस्तों को जीवनावश्यक सामग्री देना, उनका निवासस्थान स्वच्छ करना, वहां तंबू बनाना, ध्वस्त घरों का मलबा हटाना और भूकंपग्रस्तों को मानसिक आधार देना इत्यादि कार्य किए ।
४. स्वास्थ्य क्षेत्र की दुष्प्रवृत्तियों को रोकने का प्रयास करें !
स्वास्थ्य क्षत्रे की दुष्प्रवृत्तियों के कछु उदाहरण
‘कट’ प्रैक्टिस द्वारा धन कमाने हेतु रोगी को भिन्न डॉक्टरों के पास जांच और उपचार हेतु जाने के लिए कहनेवाले डॉक्टर तथा गंभीर रोगी पर तत्काल उपचार करना आवश्यक होते हुए भी अग्रिम धनराशि (डिपॉजिट) भरने तक उपचार न करनेवाले डॉक्टर तथा चिकित्सालय
- औषधियों के प्रतिष्ठान से मिलनेवाले लाभ के लिए सस्ती औषधियों के स्थान पर महंगी औषधियां और उपकरण खरीदने पर बाध्य करनेवाले डॉक्टर तथा चिकित्सालय
- एक रोगी के लिए प्रयुक्त ‘सिरिंज’, ‘कैथेटर’ आदि अन्य रोगी को बेचकर पैसे कमाकर रोगियों के प्राणों से खेलनेवाले डॉक्टर तथा चिकित्सालय
- गहन चिकित्सा (ICU) विभाग के रोगी की मृत्यु होने पर भी परिजनों को बताए बिना उसे वहीं रखकर उपचार कर रहे हैं, ऐसा जताकर, खर्च बढानेवाले चिकित्सालय तथा जीवित अथवा मृत रोगी के कुछ अंग निकालकर बेचनेवाले डॉक्टर एवं चिकित्सालय
डॉक्टर एवं चिकित्सालय ने ठगा हो, तो क्या करें ?
‘ग्राहक’ हाने के नाते ‘ग्राहक मचं ’ में तथा सबं धिंत ‘स्टटे मिेडकल काउन्सिल से परिवाद (शिकायत) करें ! आवश्यकतानुसार ऐसे डॉक्टर एवं चिकित्सालयके विरुद्ध ‘पीपल फारॅ बटेर टी्रटमटें (पीबीटी)’, ‘साथी’ आदि अशासकीय सस्ं थाओं की सहायता लें !
५. समिति के कार्य में इस प्रकार भी सहभागी हों !
अपने परिचित डॉक्टर, वैद्य, परिचारिका आदि से मिलकर उन्हें समिति के कार्य की जानकारी दें, साथ ही समिति के कार्यकर्ताओं से उनकी भेंट का आयोजन करें !
- समिति की सहायता एवं दानवीर व्यक्ति अथवा धर्मार्थ संस्था के सहयोग से आरोग्य संबंधी व्याख्यान; रक्तजांच, नेत्रचिकित्सा आदि शिविर; नि:शुल्क औषधि-वितरण, चश्मा वितरण आदि का आयोजन करें तथा इन सेवाओं में सहभागी हों !
- आरोग्य साहाय्य समिति को धन, औषधियां अथवा चिकित्सा सामग्री दान करें !
- समिति की आरे से आयािेजत नि:शुल्क ‘प्राथमिक उपचार प्रशिक्षणवगर्’ में सहभागी हों ! स्वयं भी ऐसे प्रशिक्षणवर्ग का आयाजे न करें ! (प्राथमिक उपचार सबंधी विस्ततृ विवचे न सनातन की ग्रथं माला ‘प्राथमिक उपचार प्रशिक्षण (३ खडं )’ में किया है ।)
- भावी आपातकाल में जब डॉक्टर, वैद्य, औषधियां आदि उपलब्ध नहीं होंगे, तब अपने प्राणों की रक्षा हेतु उपयुक्त बिंदुदाब, नामजप-उपचार, प्राणशक्ति प्रणाली उपचार आदि उपचार-पद्धतियां स्वयं सीखें एवं अन्यों को भी सिखाएं ! इसमें समिति आपका मार्गदर्शन करेगी । इन विषयों पर सनातन के ग्रंथ भी उपलब्ध हैं ।
संपर्क : ७०५८८८५६१०
इ-मेल : [email protected]
आरोग्य साहाय्य समिति उपक्रम के अंतर्गत चल रहे तथा आगामी उपक्रम
आरोग्य साहाय्य समिति द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में चलाए गए, आजकल चल रहे और आगामी उपक्रमों के संदर्भ में हम संक्षेप में जानकर लेते हैं – Read more »
Related News
जीवन संजीवनी प्रशिक्षण से प्राण बचाना संभव – डॉ. किरण भिंगार्डे, भूल विशेषज्ञ (अनेस्थेटिस्त)
जीवन संजीवनी प्रशिक्षण हृदय एवं श्वास बंद होने पर किया जानेवाला प्रथमोपचार है ! हम सतर्क रहते हुए योग्य कृति करने से हृदयविकार का झटका आए हुए रोगी के प्राण बचा सकते हैं, ऐसा मार्गदर्शन कोल्हापुर के भूल विशेषज्ञ डॉ. किरण भिंगार्डे ने किया। Read more »
सातारा में आरोग्य सहायता समिति की आर से आयोजित ‘सी.पी.आर्.’ प्रशिक्षण’ !
सातारा के कोरेगांव मार्ग पर वेदभवन मंगल कार्यालय में हिन्दू जनजागृति समिति की आरोग्य सहायता समिति की ओर से एकाएक आनेवाले हृदयविकार के झटके पर प्राथमिक उपचार देने के लिए ‘सी.पी.आर्.’ प्रशिक्षण का आयोजन किया गया था । Read more »
सामान्य जनता से होनेवाली लूट रोकने के लिए ‘ट्रेड मार्जिन कैप’ लागू करें – श्री. पुरुषोत्तम सोमानी की केंद्र सरकार से मांग
औषधियों का अधिकतम मूल्य (एम.आर.पी.) अधिक हो, इसके लिए थोक औषधि विक्रेताओं, खुदरा औषधि विकेताओं का औषधि निर्मिति तथा बिक्री करनेवाली फार्मा कंपनियों पर बडा दबाव है । Read more »
आरोग्य साहाय्य समिति का ‘एक सफल अभियान : औषधियों के मूल्य घटे’ वेबिनार संपन्न !
चिकित्सालय तथा डॉक्टर भी स्वयं के स्वार्थ के लिए रोगियों को औषधियों के घटक (सॉल्ट) लिखकर देने के स्थान पर अनेक बार ब्रांडेड (बडे प्रतिष्ठानों की) औषधियां लिखकर देते हैं । जिसमें 10 से 20 गुना अधिक राशि लूटी जाती है । Read more »
जेनेटिक परिवर्तित खाद्यपदार्थ स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होने के कारण जैविक खाद्य पदार्थों को प्राथमिकता दीजिए – आरोग्य साहाय्य समिति
जेनेटिक परिवर्तन कर सुधारे गए खाद्य पदार्थ जंतुओं से प्राप्त पदार्थ हैं, जिनका परिवर्तन प्राकृतिक रूप से नहीं किया जाता । जेनेटिक परिवर्तन के कारण कैन्सर, कुपोषण, रोगप्रतिरोधक शक्ति की कमी आदि गंभीर बीमारियां उत्पन्न हो सकती हैं । Read more »
समाचारपत्र के कागज में खाद्यपदार्थ लपेटकर न देने के संबंध में हिन्दू जनजागृति समिति की अन्न एवं औषधिय प्रशासन को ज्ञापन प्रस्तुति
समाचारपत्र के लिए उपयोग की जानेवाली स्याही में रसायन होने से गर्म खाद्यपदार्थ से संपर्क होने से यह रसायन पिघल जाता है और वह स्वास्थय के लिए अत्यंत घातक सिद्ध होता है । Read more »
‘खाने में मिलावट कैसे पहचानें और उपाय ?’ विषय पर ऑनलाइन विशेष संवाद !
खाने के पदार्थों में मिलावट प्राप्त होने पर ‘FSSAI’ से शिकायत करें ! – श्री. मोहन केंबळकर, सहायक आयुक्त, खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग Read more »
जांभळी (नगर) के नवजात शिशु की मृत्यु प्रकरण में दोषियों पर कार्यवाही करें ! – आरोग्य साहाय्य समिति
नगर जिले के जांभळी, तालुका राहुरी की निवासी महिला को प्रसव हेतु नगर ले जाने के लिए समय पर रुग्णवाहिका (एंबुलेंस) की आवश्यकता थी; परंतु स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण रुग्णवाहिका समय पर न मिलने के कारण महिला को दुपहिए वाहन से नगर ले जाना पडा । Read more »