‘अनपढ लोगों का, ‘सूक्ष्म जंतु नहीं है’, यह कहना जितना…
‘अनपढ लोगों का, ‘सूक्ष्म जंतु नहीं है’, यह कहना जितना हास्यास्पद है, उतना ही हास्यास्पद है बुद्धिप्रामाण्यवादियों का यह कहना कि ‘भगवान नहीं है’ !
‘अनपढ लोगों का, ‘सूक्ष्म जंतु नहीं है’, यह कहना जितना हास्यास्पद है, उतना ही हास्यास्पद है बुद्धिप्रामाण्यवादियों का यह कहना कि ‘भगवान नहीं है’ !
‘विज्ञान केवल स्थूल पंचज्ञानेंद्रियों के संदर्भ में ही संशोधन करता है, किंतु अध्यात्म केवल स्थूल एवं सूक्ष्म ही नहीं, अपितु सूक्ष्मतर एवं सूक्ष्मतम का भी विचार करता है !’