हिन्दुत्व को भूलकर अनेक वर्षोंतक वामपंथियों को चुननेवाले बंगाल एवं केरल में हिन्दुआेंपर अत्याचार हो रहे हैं । इसमें आश्‍चर्य ही क्या है ?

हिन्दुत्व को भूलकर अनेक वर्षोंतक वामपंथियों को चुननेवाले बंगाल एवं केरल में हिन्दुआेंपर अत्याचार हो रहे हैं । इसमें आश्‍चर्य ही क्या है ?

राजनेताओं के अनुसार कुछ संतों के पास भी होती है वंशपरंपरा !

‘कुछ संतों के शिष्य अच्छे स्तर के होते हुए भी वे अपने उत्तराधिकारी के रूप में विशेष साधना न होनेवाले अपने पुत्र की नियुक्ति करते हैं !’

यदि हिन्दुओं को धर्म सिखाया, तभी अन्यधर्मियों समान उनके मत एकगुट होंगे !

‘मुसलमान एवं ईसाई उनका हित देखनेवालों को मतप्रदान करते हैं, जब कि बुद्धिप्रामाण्यवाद, समाजवाद, साम्यवाद इत्यादि विविध मानसिकता के अनुसार मत देते हैं । इसलिए उनके मत विभाजित होते हैं तथा भारत में उनका कोई मूल्य नहीं रह जाता ! हिन्दुओं को धर्म सिखाया तभी उनके मत अन्य धर्मियों समान एकगुट होंगे ।-’

बुद्धिप्रामाण्यवादियों के जीवनभर के कार्य की फलनिष्पत्ति शून्य रहने का कारण

यदि किसी विषय का अभ्यास उस विषय की पद्धति के अनुसार न कर कोई उसके संदर्भ में निश्चित रूपसे कहता है कि मेरा ही कहना उचित है, तो उसपर कोई गम्भीरता से ध्यान नहीं देता । यही स्थिति है बुद्धिप्रामाण्यवादियों की । अध्यात्म का अभ्यास अर्थात बिना साधना किए वे इस संदर्भ में भाष्य करते … Read more