आत्मस्वरूपका प्रकटीकरण करनेवाली शिक्षा ही सत्य !
कर्म, उपासना और ज्ञानकाण्डके आप कितने भी अनुष्ठान करें; परन्तु जबतक आपको दूसरेपर प्रेम करनेकी कला प्राप्त नहीं हुई, तबतक आप मनुष्यजीवनकी सार्थकता जिस ईश्वरप्राप्तिमें है, वहांतक पहुंच नहीं सकते है । Read more »