आध्यात्मिक संज्ञाका अर्थ (भाग १)

‘सूक्ष्म’ शब्दके संदर्भमें कुछ संज्ञाओंका अर्थ जो स्थूल पंचज्ञानेंद्रिय, मन एवं बुद्धिके परे है, वह ‘सूक्ष्म’ है । इस ‘सूक्ष्म’ ज्ञानके विषयमें विविध धर्मग्रंथोंमें उल्लेख है, उदा.भगवतो नारायणस्य साक्षान्महापुरुषस्य स्थविष्ठं रूपम् आत्ममायागुणमयम् अनुवर्णितम् आदृतः पठति शृणोति श्रावयति स उपगेयं भगवतः परमात्मनः अग्राह्यम् अपि श्रद्धाभक्तिविशुद्धबुद्धिः वेद । – श्रीमद्भागवत, स्कंध ५, अध्याय २६, सूत्र ३८ अर्थ … Read more

आध्यात्मिक संज्ञाका अर्थ (भाग २)

संकलनकर्ताओंका वैज्ञानिक दृष्टिकोण इस संकेतस्थलमेकोई भी विषय ‘संविधानके अनुच्छेद ५१ अ’ के अनुसार पाठकके ‘वैज्ञानिक दृष्टिकोण’में बाधा लाने हेतु नहीं लिखी गई है । संविधानके अनुच्छेद २५ में व्यक्तिको धर्मपालन एवं धर्मप्रसारका अधिकार दिया गया है । न्यायालयके अनेक न्यायिक निर्णयोंसे यह स्पष्ट हुआ है कि धार्मिक भावना सतही रूपमें वैâसी भी लगे, तब भी … Read more