वैशाख कृष्णपक्ष द्वितीया, कलियुग वर्ष ५११७
देहली : हरिद्वार के संत स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज ने कहा कि हिंदुओंकी आबादी घटना खतरनाक संकेत है। हिंदू समाज को संगठित होने की आवश्यकता है। वह शुक्रवार को अलीपुर इलाके के जीटी करनाल रोड स्थित एक रिसोर्ट में राष्ट्रीय सेवा भारती की ओर से आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय सेवा संगम की प्रदर्शनी के उद्घाटन कार्यक्रम में बोल रहे थे।
शंकराचार्य ने राष्ट्रीय सेवा भारती की ओर से देश के विभिन्न हिस्सों में बड़े स्तर पर चलाए जा रहे सेवा कार्योंकी सराहना की और कहा कि सेवा करना सबसे कठिन कार्य है। सेवा से ही समाज में समरसता आ सकती है और समरसता से सजगता आती है। आज के नेता केवल वोट के लिए सामाजिक समरसता का नाटक करते हैं। उनके अंत:करण में इसकी पीड़ा नहीं होती है। उन्होंने कहा कि दूसरोंकी सेवा करने से अहंकार समाप्त होता है। इससे मानव का अंत:करण निर्मल व पावन हो जाता है और जब अंत:करण पवित्र हो जाता है तो परमात्मा का उसमें वास हो जाता है। जिस व्यक्ति के अंदर का अहंकार समाप्त हो जाता है, तो उस व्यक्ति का परमात्मा से साक्षात्कार होता है। उन्होंने कहा कि सेवा करते समय मन में अहंकार की भावना आने पर इसका मूल उद्देश्य समाप्त हो जाता है।
स्त्रोत : जागरण